नई दिल्ली। जब प्रधानमंत्री का लाल किले की प्राचीर से भाषण चल रहा था तब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल सो रहे थे। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अगर ओलंपिक में 'सबसे ज्यादा उबाऊ' सार्वजनिक भाषण की श्रेणी होती तो लाल किले की प्राचीर से दिए गए प्रधानमंत्री के संबोधन को स्वर्ण पदक मिल सकता था। आप ने केंद्र पर नीयत और नीति के अभाव का भी आरोप लगाया। सवाल उठता है कि कहीं अरविन्द केजरीवाल के भाषण के दौरान नींद लेने की धृष्टता पर पर्दा डालने के लिए ऐसा बयान दिया गया?
कश्मीर नीति से लेकर दलितों पर अत्याचार तक विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए आप नेता आशुतोष ने कहा कि मोदी का भाषण 'प्रेरणारहित और उद्देश्यहीन' था।
दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, 'अगर ओलंपिक में सर्वाधिक उबाऊ भाषण के लिए पदक की व्यवस्था होती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वर्ण पदक मिल सकता था।' लाल किले पर सोते हुए कैमरों की नजर में आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस तस्वीर के बारे में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी का भाषण वाकई बहुत 'उबाऊ' था।
सिसौदिया ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, 'यह नीयत और नीति का अभाव ही है जिसके चलते कश्मीर जल रहा है, पाकिस्तान हमारे घर में घुस चुका है और काले धन को भुला दिया गया है।'
उन्होंने कहा, 'फैसले इसलिए नहीं लिए जा रहे हैं क्योंकि नीयत सही नहीं है। हरियाणा जल रहा था और गाय के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही थी। दलितों पर हमले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और नई शिक्षा नीति शब्दाडम्बर बन चुकी है।'
ट्वीट कर सिसौदिया ने आरोप लगाया, 'नीयत और नीति का अभाव ही है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।' आशुतोष ने आरोप लगाया कि मोदी के शासन में 'भारत के प्रधान न्यायाधीश कातर हो रहे हैं, विद्वान अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं, पत्रकार खौफ में हैं और सरकारों को बर्खास्त किया जा रहा है।' (भाषा)