Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पाकिस्तान को अमेरिका की धमकी...नहीं मिलेगी अब मदद

हमें फॉलो करें पाकिस्तान को अमेरिका की धमकी...नहीं मिलेगी अब मदद
, गुरुवार, 26 मई 2016 (00:55 IST)
अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर और हथियार देता आया है, ये बात जगजाहिर है। ये भी किसी से छिपा नहीं है कि इन पैसों और हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकियों को पालने-पोसने में करता रहा है, लेकिन अब अमेरिका का मोहभंग हो चुका है। ओबामा सरकार ने शरीफ सरकार को चेतावनी दी है कि वो हक्कानी और तालिबान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे। अगर ऐसा नहीं किया तो अमेरिका पाकिस्तान को न तो दौलत देगा और ना ही हथियार।
ड्रोन अटैक के जरिए मुल्ला मंसूर पर हुए हमले ने पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान की असलियत उजागर कर दी। वो पाकिस्तान जो एक तरफ तो आतंकवाद पीड़ित मुल्क होने का रोना रोता रहता है, लेकिन दूसरी ओर अपनी जमीन पर आतंकियों को पनाह देता है। 
 
बलूचिस्तान में तालिबान चीफ मुल्ला मंसूर पर हुए हमले ने पाकिस्तान के धोखे की पोल खोल दी है। अमेरिका अपने साथ हुए इस धोखे को लेकर बेहद नाराज है। यही वजह है कि अमेरिकी सीनेट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता में बड़े बदलाव किए हैं और मदद पर अस्थायी रोक लगा दी है।
 
अमेरिकी सीनेट के पैनल ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर यानी करीब 2 हजार करोड़ रुपये की मदद पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सीनेट के पैनल ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर वो अमेरिकी मदद चाहता है तो उसे पाकिस्तान में सक्रिय हक्कानी आतंकी नेटवर्क को खत्म करना होगा। 
 
पैनल ने ये भी कहा है कि ये मदद तब तक रुकी रहेगी, जब तक कि अमेरिकी सैन्य सचिव खुद इस बात का सबूत नहीं देते कि पाकिस्तान हक्कानी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। फाइटर प्लेन एफ-16 देने का सौदा भी लंबे समय से अटका हुआ है। तमाम अमेरिकी नेता पाकिस्तान को आतंकी देश बताते हुए उसे एफ-16 फाइटर प्लेन देने का विरोध कर रहे हैं।
 
पिछले हफ्ते अमेरिकी सीनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी ने नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्‍ट यानी NDAA-2017 पेश करते हुए पाकिस्तान को सैन्य मदद रोकने का प्रस्ताव रखा था। अमेरिका पहले पाकिस्तान को 900 मिलियन डॉलर की मदद देने वाला था, लेकिन अब इस मदद में थोड़ी तब्दीली की गई है। अब अमेरिका पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद देगा। इस मदद के पहले हिस्से के तौर पर 300 मिलियन डॉलर तभी मिलेंगे जब पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का सबूत पेश करेगा।
 
अमेरिकी सीनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान और उससे सटे सीमाई इलाकों में तब तक शांति स्थापित नहीं हो सकती है, जब तक कि खुद पाकिस्तान के भीतर शांति नहीं होगी। ऐसा करने के लिए पाकिस्तान को अपने मुल्क में पनपते आतंकवाद से सख्ती से निपटना होगा। अमेरिका के मुताबिक खुद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय आतंकियों को नेस्तनाबूत करने का आदेश दिया है। इसी आदेश के तहत शनिवार को अमेरिकी फौज ने अफगान तालिबान के मुखिया मुल्ला अख्तर मंसूर को बलूचिस्तान में मार गिराया था।
 
मुल्ला मंसूर के पाकिस्तानी सीमा में मारे जाने के बाद दोनों मुल्कों के रिश्तों में कड़वाहट आई है। पाकिस्तान ने अमेरिकी राजदूत डेविड हेल को तलब बलूचिस्तान में ड्रोन अटैक पर ऐतराज जताया है। पाकिस्तान के मुताबिक उसकी सीमा में घुसकर हमला करना अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है। वहीं इसके जवाब में अमेरिका ने दू टूक शब्दों में कहा कि आगे भी आतंकियों के खिलाफ ऐसे हमले जारी रहेंगे। 
 
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने अफगान तालिबान को भी साफ चेतावनी दी है कि तालिबान बातचीत के जरिए हर विवाद का हल निकाले। मुल्ला मंसूर इसीलिए मारा गया क्योंकि वो शांति प्रक्रिया के पक्ष में नहीं था। अगर अमेरिकी और अफगान फौज पर तालिबान आतंकियों के हमले जारी रहे तो उनका भी वही अंजाम होगा जो मुल्ला मंसूर का हुआ है। बचने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है। तालिबान का भविष्य अब उनके ही हाथ में है।
 
ये किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान दशकों से तालिबान आतंकियों की पनाहगाह बना हुआ है। पाकिस्तान में सक्रिय खतरनाक हक्कानी नेटवर्क ने भी तालिबान से हाथ मिला लिया है। यही बात अमेरिका को रास नहीं आ रही है। लंबे अरसे तक अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का साथ देता रहा। उसे आर्थिक और सैन्य मदद करता रहा, लेकिन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पाकिस्तान अमेरिका की आंखों में धूल झोंकता आया है। अब अमेरिका समझ गया है कि पाकिस्तान उसे धोखे में रखकर अपना उल्लू सीधा कर रहा है। यानी आने वाले दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

2020 ओलंपिक बोली में भ्रष्टाचार की जांच शुरू