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बड़ा ऑपरेशन! कश्मीर में 3000 सैनिकों ने ढूंढे आतंकवादी

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कश्मीर के हालात एक बार फिर 1990 के दशक जैसे हो गए हैं। सड़कों पर खुलेआम घूमते आतंकी, बैंकों के लूटने की घटनाएं और पुलिसवालों पर हमलों के साथ ही अब सुरक्षाबलों द्वारा छेड़ा गया सामूहिक तलाशी अभियान यह स्पष्ट करता था कि कश्मीर 1990 के दशक में लौट गया है।

यह इससे भी स्पष्ट होता है कि सुरक्षाबलों ने करीब 25 सालों के बाद एक साथ 20 से अधिक गांवों में सामूहिक तलाशी अभियान छेड़ा है जिसमें 3 हजार से अधिक सैनिक शामिल हैं और उन्हें तलाश है उन 30 आतंकियों की, जो पिछले दिनों वीडियो में दिखे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा था। समाचार भिजवाते समय गैर सरकारी तौर पर तलाशी अभियान समाप्तहो गया था और सुरक्षाबलों ने 8 संदिग्ध लोगों को दबोचा था।
 
कश्मीर में घाटी में एलओसी और सीमा पर आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों और नापाक हरकतों को देखते हुए आखिरकार भारतीय सेना को दक्षिणी कश्मीर में अब तक सबसे बड़ा सर्च अभियान छेड़ना ही पड़ा है। दक्षिण कश्मीर में सीमा पार के आतंकवादियों को जिंदा अथवा मुर्दा पकड़ने के लिए गुरुवार को सुरक्षाबलों ने शोपियां और पुलवामा के जिले के करीब 20 गांवों की घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान छेड़ दिया। इस दौरान दो गांवों में सुरक्षाबलों को हिंसक ग्रामीणों पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग का भी सहारा लेना पड़ा। इस अभियान में जुड़े सुरक्षा बलों के लोगों के करीब आठ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
 
बीते 25 सालों के कश्मीर की घाटी में किसी इलाके में एक साथ एक दर्जन से ज्यादा गांवों की एक साथ घेराबंदी कर तलाशी लिए जाने के लिए सेना की ओर से यह पहला अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह के तलाशी अभियान 1990 के दशक में ही सेना की ओर चलाए जाते थे।
 
पिछले सोमवार को आतंकियों ने कुलगाम में जेके बैंक की कैशवैन पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों के साथ दो बैंक कर्मियों की हत्या भी कर दी थी। आतंकी मारे गए पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट कर ले गए थे। इसके बाद मंगलवार की रात को शोपियां में जिला अदालत परिसर से आतंकियों ने एक पुलिस चौकी पर धावा बोलकर पांच राइफलें लूटी थीं। इस दौरान तीन बैंकों में भी डकैती हुई।
 
एसएसपी शोपियां ताहिर सलीम ने कहा कि पुलवामा और शोपियां जिले के गांवों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह सभी गांव एक दूसरे के साथ सटे हुए हैं और इन गांवों में दो दर्जन से अधिक आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों जिन 30 आतंकियों का वीडियो वायरल हुआ था, उनमें से कुछ इसी इलाके में देखे गये हैं। इसके अलावा, आतंकियों के प्रशिक्षण वाला वीडियो भी इसी क्षेत्र में कहीं बनाया गया है।
 
बताया जाता है कि तलाशी अभियान में राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के साथ साथ 55 आरआर, 44 आरआर, 111 सीआरपीएफ के जवान हिस्सा ले रहे हैं। सुरक्षाबलों ने द्वारा हफ, श्रीमाल, सुगाम, तुरकवांगन, चिलीपोरा, मलनाड और सुगन व उनके साथ सटे इलाकों की सुबह पांच बजे के करीब घेराबंदी की। सुगन और तुरकवांगन गांव में स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों को घेराबंदी से रोकते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए पथराव भी किया। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा।
 
ऑपरेशन से जुड़े एक अफसर के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनमें आतंकी शोपियां के जंगलों में घूमते हुए दिखाई दिए हैं। उनमें से कई वीडियो में वे उसे ‘फ्री जोन’ भी कह रहे हैं।
 
इससे पहले दक्षिण शोपियां में बुधवार देर रात संदिग्ध आतंकियों ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करके 5 सर्विस राइफलों को लूट लिया था। लूटी गई इन राइफलों में 4 इंसास और एक एके 47 राइफल थीं। इसके अलावा बुधवार को ही पुलवामा में 2 घंटों के भीतर 2 बैंकों में डकैती हुई थी। पुलवामा के एसपी रईस मुहम्मद बट ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक लूट की घटनाओं में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। उन्होंने कहा कि अभी तक हमने पदगमपुरा और खगपुरा के एक-एक आतंकियों की पहचान की है जो साबित करता है कि इन घटनाओं के पीछे लश्कर का हाथ है।’ 
 
उन्होंने आगे बताया, ‘यह साफ है कि इस तरह के आतंकी संगठन कैश की किल्लत से जूझ रहे हैं। हमने यह भी देखा कि वे अब और ज्यादा आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम जांच को जारी रख रहे हैं।’
 
शोपियां जिले से कुछ वीडियोज सामने आए थे जिसमें आतंकवादी सड़क पर खुलेआम घूमते नजर आ रहे थे। इन्हीं आतंकियों को खदेड़ने के लिए सेना ने यह ऑपरेशन शुरू किया है। पिछले कुछ हफ्तों से इस तरह के वीडियोज आ रहे थे जिसमें सड़कों पर आतंकियों को आजाद घूमते देखा जा सकता था। ये आतंकी युवाओं को इस बात की ट्रेनिंग दे रहे थे कि वे कैसे जवानों की हत्या कर सकते हैं। ऑपरेशन को इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) की ओर से मिले इनपुट्स के बाद लॉन्च किया गया है। आईबी अधिकारियों का कहना है कि करीब 160 आतंकी घाटी में मौजूद हैं जिसमें से कई आतंकियों ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की है।
 
पिछले वर्ष के बाद इस वर्ष यह सेना का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। पिछले वर्ष पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन की वजह से इन ऑपरेशंस को रोक दिया गया था। इस ऑपरेशन में 3000 सेना के अफसर और जवान तो शामिल हैं ही साथ ही साथ सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान भी इसका हिस्सा हैं। गुरुवार से शुरू हुए इस ऑपरेशन में शोपियां के 20 गांवों, बगीचों और जंगल के इलाकों में आतंकियों की तलाश की जा रही है। कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष जुलाई में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से करीब 100 स्घ्थानीय युवक ने आतंकवाद का हिस्सा बन गए हैं।

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