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पत्रकार की मौत मामले पर अरुण जेटली बोले...

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नई दिल्ली , रविवार, 5 जुलाई 2015 (17:12 IST)
नई दिल्ली। केंद्र ने रविवार को कहा कि मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले को कवर करने के दौरान टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय मौत के बारे में सभी संदेहों को विराम देने के लिए ‘पूरी तरह निष्पक्ष जांच’ होनी चाहिए। हालांकि कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मौत की परिस्थितियों के बारे में कई मुद्दे उठे हैं इसलिए यह जरूरी है कि इस बारे में सभी संदेहों पर विराम लगाने के लिए निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। 
 
एक ट्वीट में मंत्री ने 38 वर्षीय पत्रकार की असामयिक और दुखद मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वे शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरा दुख प्रकट करते हैं।
 
घोटालों के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी को बेहद स्तब्धकारी करार देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री या राज्य सरकार के लिए सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखना काफी सामान्य होगा और केंद्र सरकार इस पर अमल करेगी।

अक्षय सिंह ने नम्रता दामोर के माता-पिता को फोन किया था। नम्रता का शव सात जनवरी, 2012  को उज्जैन जिले में रेल पटरी के समीप मिला था। अक्षय सिंह की मौत की परिस्थितियों पर मंडरा  रहे आशंकाओं के बादल के बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली भी इस मामले की बिलकुल निष्पक्ष जांच के  पक्ष में नजर आए।
 
जेटली ने कहा, चूंकि इस मौत की परिस्थिति को लेकर कई मुद्दे उठाए जा रहे हैं, ऐसे में यह जरूरी  होगा कि बिलकुल निष्पक्ष जांच हो ताकि सारी आशंकाओं पर विराम लग सके। उन्होंने यह भी ट्वीट किया, युवा पत्रकार अक्षय सिंह की असामयिक मौत पर मेरी गहरी संवेदना है। शोक संतप्त परिवार  के प्रति मेरी संवेदना एवं उसके प्रति प्रार्थना है। आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम  नरेश यादव को हटाने की मांग की और यह भी मांग की कि घोटाले और मौत की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी जांच हो।
 
अक्षय सिंह की मौत पर शोक प्रकट करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा  कि उनकी सरकार इस घोटाले की जांच कर रही उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी को उनकी  मौत की जांच के लिए पत्र लिखने जा रही है। चौहान ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई समेत किसी अन्य एजेंसी से कराती है तो उनकी सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। 
 
कुछ खबरों में दावा किया गया है कि अब तक 44 लोगों की मौत हुई है जो कथित रूप से इस घोटाले से जुड़े थे। उनमें राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव की मौत शामिल है। शैलेष (50) इस साल 25 मार्च को लखनऊ के मॉल एवेन्यू इलाके में अपने पिता के निवास पर मृत पाए गए थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव का नाम भी इस घोटाले में बतौर आरोपी के रूप में  सामने आया, लेकिन न्यायालय से उन्हें राहत मिल गई। (भाषा) 

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