Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भूमि ‍अधिग्रहण बिल पर क्या बोले अरुण जेटली

हमें फॉलो करें भूमि ‍अधिग्रहण बिल पर क्या बोले अरुण जेटली
न्यूयॉर्क , मंगलवार, 3 मार्च 2015 (15:52 IST)
न्यूयॉर्क। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर विरोध के बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भाजपा नीति सरकार 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में मौलिक रूप से बदलाव का प्रयास कर रही है ताकि विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में विकास गतिविधियां सुनिश्चित की जा सकें।

कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए इस तरह के कानून में बदलाव बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। देखने में आमतौर पर विचार है कि आप भूमि अधिग्रहण की मंजूरी नहीं दें।

निजी यात्रा पर यहां पहुंचे जेटली ने कहा‍ कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह का कानून पारित कराने पर यह दिक्कत होती है कि आप बेहद अव्यावहारिक विचार पेश करते हैं जिसका चुनाव के ऐन पहले विरोध करना किसी के लिए भी बेहद मुश्किल है और फिर आप इसे तेजी से आगे बढ़ाते हैं।

उन्होंने कहा कि हर राज्य सरकार चाहे वह किसी भी पार्टी की हो, अब कह रही है कि ऐसे देश में जो कि अभी भी एक विकसित देश है, इस तरह के कानून से विकास गतिविधि की गुंजाइश बिलकुल समाप्त हो गई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में सड़क, सिंचाई, विद्युतीकरण, गरीबों के लिए सस्ते घर और रक्षा परियोजनाओं के लिए भूमि की जरूरत है लेकिन कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत भूमि अधिग्रहण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक बहुत-सी शर्तें न पूरी कर ली जाएं।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सारी गतिविधियां बंद हैं। किसी भी रक्षा परियोजनाओं के लिए भूमि नहीं मिल सकती। यह सबसे बड़ी चुनौती है। आप मुआवजा प्रणाली में किस तरह बदलाव कर सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सस्ते घरों के लिए कुछ प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा। यह चुनौती है जिसका हम सामना कर रहे हैं और देखते हैं हम संसद में इस चुनौती से कैसे निपटते हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi