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अब पार्टी में या तो वे रहेंगे या मैं: अरविंद केजरीवाल

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, सोमवार, 30 मार्च 2015 (08:40 IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में रविवार को हंगामेदार राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आप के चार संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, आनंद कुमार, अजीत झा को कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया। 311 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद में दोनों को बाहर किए जाने संबंधी प्रस्ताव के पक्ष में 247 और विपक्ष में आठ वोट पड़े। इस बैठक में बवाल और मारपीट तक के आरोप एवं प्रत्यारोप लगाए गए।
आम आदमी पार्टी (आप) की शनिवार को हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए भाषण का रविवार को वीडियो फुटेज जारी कर दिया गया। भाषण में केजरीवाल ने संस्थापक सदस्यों प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव पर जोरदार हमला बोलने के साथ ही यह एलान भी किया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में या तो वह रहेंगे या फिर ये दोनों। पार्टी बनाने में किए गए संघर्ष की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा है कि उन्होंने जान जोखिम में डालकर यह पार्टी बनाई है, इसलिए वह इसे बिखरने नहीं देंगे।
 
शनिवार को राष्ट्रीय परिषद में केजरीवाल ने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि आप या तो इनको चुनिए या मुझे। भाषण के दौरान केजरीवाल ने सारे पदों से इस्तीफे की भी पेशकश की थी और कहा था कि जो कुछ हो रहा है उससे मोदी को फायदा हो रहा है।
 
केजरीवाल ने प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव पर धोखाधड़ी व साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता पिछले एक साल से उन्हें संयोजक पद से हटाने तथा विधानसभा चुनाव में हराने की राजनीति करते रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की सभी मांगें मान ली गईं थी लेकिन ये अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहते थे। पार्टी को सुधारने का इन नेताओं का कोई मकसद नहीं है। 
 
उन्होंने कहा, दिल्ली में हमारी हार सुनिश्चित करने के लिए साजिशें रची गईं। ‘अवाम’ का गठन किया गया और इसका सहयोग किया गया। उस वक्त मीडिया में यह आया कि अवाम के सदस्य भाजपा के पूर्व सदस्य हैं और भाजपा उनको वित्तीय मदद दे रही है। 
 
केजरीवाल ने कहा, प्रशांत जी ने कई लोगों से कहा कि हम सोचते हैं कि पार्टी हारेगी तभी पार्टी और केजरीवाल सबक सीखेंगे। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो हम प्रेस के सामने जाएंगे और पार्टी को बर्बाद कर देंगे। 
 
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, खबरें प्लांट की गईं। दो बड़े समाचार चैनलों के वरिष्ठ संपादकों ने मुझे बताया कि योगेंद्र यादव मेरे खिलाफ खबरें प्लांट कर रहे थे। बहुत सारे स्वयंसेवी दिल्ली आना चाहते थे। उन्हें रोका गया। चंदा देने वाले कई लोगों को प्रचार करने से रोका गया। 
 
केजरीवाल के मुताबिक हद तब हो गई जब पार्टी के हमारे वरिष्ठ नेता (शांति भूषण) ने कहा कि किरण बेदी उनकी पहली पसंद हैं, अजय माकन दूसरी तथा केजरीवाल तीसरी पसंद हैं। मैं जानना चाहता हूं कि आप फिर इस पार्टी में क्यों हैं? 
 
आप के संयोजक ने कहा, मुझे कमजोर करने के साथ ही साथ पार्टी को कमजोर करने की कोशिशें हुईं। जब मैं बेंगलुरु से आया तो मैंने अपनी टीम के सदस्यों से बात की और उसी रात उनको योगेंद्र भाई के घर बात करने के लिए भेजा। उस दिन से लेकर कल से पहले (गुरुवार) तक हमने समस्या को हल करने का भरसक प्रयास किया। 
 
केजरीवाल ने कहा, उन्होंने (यादव और भूषण) ने पहले कहा कि उनकी पांच मांगें हैं, अगर ये मान ली जाती हैं तो वे पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे। यह थोड़ा चौंकाने वाला था, आमतौर पर लोग कहते हैं कि या तो पार्टी को दुरूस्त करो या तो हम पार्टी छोड़ देंगे।..यह सब ढकोसला था। वे दुनिया को यह दिखा रहे थे कि यह सिद्धातों की लड़ाई है। 
 
उन्होंने कहा, इस पार्टी को लीजिए लेकिन इसकी हत्या मत कीजिए। मैं यहां इन लोगों से लड़ने के लिए नहीं हूं। मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक ताकतों से है। मैं यहां प्रशांत जी और योगेंद्र जी से लड़ने नहीं आया हूं। मैं हार मानता हूं। आप लोग जीत गए। मैं इस लड़ाई को खत्म करने आया हूं। 
 
केजरीवाल ने कहा कि आपको आज फैसला करना है। बीते एक साल में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पीएसी की हर बैठक में लड़ाई और बहस हुई है। आपको फैसला करना है कि आप किसे चुनना चाहते हैं? या तो मुझे चुनिए या फिर उनको।’ (भाषा)

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