Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अयोध्या विवाद पर सुलह-समझौते के सुझाव को महंत नृत्य गोपाल दास ने ठुकराया

हमें फॉलो करें अयोध्या विवाद पर सुलह-समझौते के सुझाव को महंत नृत्य गोपाल दास ने ठुकराया
अयोध्या , शनिवार, 25 मार्च 2017 (08:29 IST)
सालों से न्यायालय में लंबित अयोध्या के विवादित स्थल के मुद्दे को बातचीत के जरिये सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को श्रीराम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर के पक्ष में पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद सुलह-समझौते का अब कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बातचीत जैसे निर्थक आलाप से हिन्दुओं को भ्रमित ना किया जाए। 
 
गौरतलब है कि न्यास के कुछ पदाधिकारी विवादित स्थल मामले में अदालत में पक्षकार हैं। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े संतों का प्रतिनिधिमंडल सर्वोच्च न्यायालय के सुझाव को लेकर जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलकर बातचीत करेगा।
 
जी न्यूज की खबर के अनुसार महंत नृत्य गोपाल दास ने सवाल किया कि क्या विवादित स्थल को लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौता, अयोध्या में एक और विभाजन को जन्म नहीं देगा? उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दो वर्ष बाद ही सरदार पटेल और अन्य नेताओं के कुशल प्रयास से गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग पर भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था। वहीं, अयोध्या मे श्रीराम जन्मभूमि का विवाद कोर्ट के चक्कर लगाता रहा। अगर उसी समय इसका समाधान कर दिया जाता तो शायद इतना खून-खराबा नहीं होता।
 
गौरतलब है कि गत 21 मार्च को अयोध्या के विवादित स्थल के मामले को 'संवेदनशील' और 'भावनात्मक मामला' बताते हुए कहा था कि इसका हल तलाश करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को नए सिरे से प्रयास करने चाहिए। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि ऐसे धार्मिक मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है और उन्होंने सर्वसम्मति पर पहुंचने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश भी की थी।
 
हालांकि उच्चतम न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को अदालत से बाहर सुलझाने के सुझाव और परस्पर संवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कुछ प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने स्वागत तो किया, मगर वे अदालत के बाहर इस मामले के समाधान को लेकर ज्यादा आशान्वित नहीं हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भगोड़े विजय माल्या पर कसा शिकंजा, प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन की मंजूरी