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एनसीपी या शिवसेना से समर्थन पर भाजपा का सस्पेंस

हमें फॉलो करें एनसीपी या शिवसेना से समर्थन पर भाजपा का सस्पेंस
, सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (08:42 IST)
मुंबई। लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी मोदी की लहर देखने को मिली है। महाराष्ट्र में भाजपा को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मिली है। पार्टी को 288 में से 123 सीटें मिली हैं, लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। आज अंतिम फैसले के लिए राजनाथ और जेपी नड्डा मुंबई जाएंगे।
 
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी भाजपा में नए मुख्यमंत्री की भी तलाश तेज हो गई है। सीएम की रेस में कई नेता शामिल हैं जिसमें महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे चल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे, विनोद तावड़े, एकनाथ खड़गे और नितिन गडकरी का नाम भी रेस भी आगे है। 

महाराष्‍ट्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्‍त किए गए राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा का मुंबई दौरा टल गया है। अब ये मंगलवार को मुंबई जाएंगे।

राजनाथ और नड्डा भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों से मिलेंगे। विधायकों की राय के बाद सीएम का नाम तय किया जाएगा। खबर है कि भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राजनाथ और अन्‍य भाजपा नेताओं से शिवसेना के नेताओं की मुलाकात हो सकती है।


भाजपा के पास सरकार बनाने के तीन विकल्प: 
 
पहला विकल्प : भाजपा महाराष्ट्र में छोटी पार्टियों की मदद से अपने दम पर सरकार बनाने की सोच रही है। भाजप ने कई निर्दलीय नेताओं से संपर्क साधा है। खबरों के मुताबिक 7 से 8 विधायक भाजपा का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। खबर है कि रविवार रात से भाजपा की निर्दलीय नेताओं से बातचीत हो रही है।
 
दूसरा विकल्प : शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी से बाहर से समर्थन ले सकती है। रविवार को चुनाव परिणाम आने के बाद एनसीपी ने बिना शर्त भाजपा को बाहर से समर्थन का एलान कर दिया था लेकिन अभी तक भापपा ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है।
 
दूसरा विकल्प : आज राजनाथ सिंह और भुपेंद्र नड्डा मुंबई जा रहे हैं। सामना में आज ही शिवसेना ने भाजपा पर हमला किया है। शिवसेना के तेवर नरम पड़ते दिख नहीं रहे हैं लेकिन भाजपा प्रयास कर रही है कि शिवसेना से समर्थन किस तरह लिया जाए। हालांकि शिवसेना शर्तों के साथ समर्थन दे सकती है।

महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो हर तरफ जश्न शुरू हो गया, लेकिन इस जीत के साथ ही अब भाजपा के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि बहुमत का आंकड़ा दूर रने के बाद किससे समर्थन लें। एक ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की बात कही है तो दूसरी ओर शिवसेना ने कहा कि हमसे समर्थन लेने का कहेंगे तब हम इस पर विचार करेंगे। 

सूत्रों के मुताबिक शिवसेना भाजपा को सशर्त समर्थन देने को तैयार है। बताया जा रहा है कि शिवसेना अखंड महाराष्‍ट्र और विकास की शर्त पर भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार है। हालांकि, औपचारिक तौर पर शिवसेना ने इसका ऐलान नहीं किया है। फिलहाल शिवसेना को भी भाजपा की तरफ से कोई प्रस्‍ताव नहीं मिला है।
 
भाजपा और शिवसेना के बीच अभी भी मुख्य लड़ाई मुख्यमंत्री पद को लेकर है। शिवसेना इस बात पर अड़ी हुई है कि उद्धव ठाकरे ही सीएम बनेंगे। देखना ये है कि इस विवाद का क्या और कैसा हल निकलता है।
 
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 123 सीटें मिली हैं, जबकि उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना को महज 63, एनसीपी को 41 और कांग्रेस को 42 सीटें हासिल हुई हैं। साफ है कि भाजपा बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर है। ऐसे में महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार का बनना तय है।
 
अनुमान लगाया जा रहा है कि पुराने साथी रहे भाजपा और शिवसेना एक बार फिर साथ आ सकते हैं, लेकिन एनसीपी ने बिना शर्त भाजपा को समर्थन का ऐलान कर शिवसेना को बैकफुट पर ढकेल दिया है। महाराष्ट्र के नतीजे जैसे-जैसे साफ होते गए मातोश्री से लेकर मुंबई भाजपा दफ्तर तक कयासों का बाजार गर्म होने लगा। भाजपा और शिवसेना की तरफ से ऐसे संकेत मिलने लगे कि पुराने यार एक बार फिर साथ हो सकते हैं। (एजेंसी)
 

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