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क्या भाजपा 'भ्रष्टाचारवादी पार्टी' के साथ गठबंधन करेगी?

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नई दिल्ली , सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (22:02 IST)
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा सरकार गठन की दिशा में काम कर रही है और इस बीच कांग्रेस ने आज उस पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वह ‘नेचुरली करप्ट पार्टी’ के साथ गठबंधन करेगी जो शरद पवार की राकांपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था।
 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, अगर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोले गए शब्दों पर भरोसा करें तो हम देखना चाहेंगे कि क्या भाजपा नेचुरली करप्ट पार्टी के साथ गठबंधन करेगी या हफ्ता उगाही करने वाली पार्टी को गठबंधन के लिए चुनेगी।

मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान राकांपा (एनसीपी) को ‘नेचुरली करप्ट पार्टी’ या ‘भ्रष्टाचारवादी पार्टी’ कहा था।‘हफ्ता उगाही करने वाली पार्टी’ की बात करते हुए सूरजेवाला का इशारा शिवसेना की ओर था जिसके साथ भाजपा ने चुनाव से पहले गठबंधन तोड़ दिया था।

उन्होंने कहा, हम यही उम्मीद करते हैं कि भाजपा जबरन वसूली या भ्रष्टाचार में शामिल तत्वों के बिना साफ-सुथरी सरकार बना सकेगी। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कोई भी राष्ट्रीय या प्रादेशिक पार्टी दलबदल कराने के प्रयास नहीं करेगी। 
 
जब सूरजेवाला को याद दिलाया गया कि 2009 में हरियाणा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने भी दलबदल के प्रयास किए थे तो उन्होंने कहा कि उस समय हरियाणा जनहित कांग्रेस के पांच सदस्यों का कांग्रेस में शामिल होना जायज था।
 
उन्होंने कहा, लेकिन महाराष्ट्र में खरीद-फरोख्त करके सरकार बनाना मानकों पर सही नहीं बैठता। सूरजेवाला ने कहा, हम यह मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विवेक पर छोड़ेंगे कि वे नेचुरली करप्ट पार्टी के साथ जाएंगे या ‘हफ्ता वसूली पार्टी’ के साथ।

जब सूरजेवाला से पूछा गया कि अगर नई हरियाणा सरकार रॉबर्ट वाड्रा के विवादास्पद जमीन सौदों के मामले फिर से खोलेगी तो कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया होगी, इस पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री को ऐसे मुद्दे उठाने की आदत हो गई है जिनमें न तो कोई आधार है और न ही सही तथ्यों पर आधारित है। ये केवल चुनावों के दौरान फायदे के लिए उठाए जाते हैं। 
 
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था लेकिन 150 दिन हो गए, क्या हुआ? भाजपा के निष्ठावान लोगों ने शीर्ष अदालत समेत तीन विभिन्न अदालतों में कम से कम तीन वाद दर्ज कराए थे। उन वादों को खारिज कर दिया गया। सूरजेवाला ने कहा, किसी जमीन सौदे में रॉबर्ट वाड्रा समेत किसी भी व्यक्ति की कभी तरफदारी नहीं की गई और कुछ गलत नहीं किया गया। राजस्थान में ऐसे आरोप लगे थे और कुछ नहीं निकला। (भाषा)  

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