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सरकार ने बढ़ाई न्यूनतम मजदूरी, मजदूर अब भी नाराज

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नई दिल्ली , बुधवार, 31 अगस्त 2016 (08:47 IST)
नई दिल्ली। श्रमिक संघों को दो सितंबर की हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 42 प्रतिशत वृद्धि और दो साल के बोनस की घोषणा की है। हालांकि, श्रमिक संगठन इन उपायों को पूरी तरह अपर्याप्त बताते हुए हड़ताल के अपने फैसले पर अडिग हैं।
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अकुशल गैर-कृषि श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी मौजूदा 246 रुपए से बढ़ाकर 350 रुपए कर दी जाएगी। जेटली श्रम संबंधी मुद्दों पर गठित मंत्रियों के अनौपचारिक समूह के भी अध्यक्ष हैं।
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों को 2014-15 और 2015-16 के लिए संशोधित नियमों के हिसाब से बोनस दिया जायेगा। सरकार के इस कदम से 1,920 करोड़ रुपए सालाना बोझ पड़ेगा।
 
इसके अलावा सरकार के ‘श्रमिक अनुकूल’ कदमों में बोनस भुगतान कानून में संशोधन और उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में मजदूर यूनियनों के हितों में सरकार का समर्थन देना भी शामिल है।
 
केन्द्र सरकार ने यह भी कहा है कि वह राज्य सरकारों को इस संबंध में सलाह देगी कि श्रमिक संगठनों का पंजीकरण 45 दिन के भीतर पूरा कर दिया जाये।
 
मजदूर संगठन सरकार से 18,000 रुपए न्यूनतम मासिक वेतन यानी 692 रुपए दैनिक और 3,000 रपये कम से कम पेंशन की मांग कर रहे हैं। सरकार की ताजा पेशकश से वह टस से मस नहीं हुए और उन्होंने कहा है कि वह दो सितंबर की एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ेंगे।
 
ट्रेड यूनियनों की दो सितंबर की हड़ताल के आह्वान का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने समर्थन किया है। हड़ताल का बैंकिंग और बीमा सेवाओं, विद्युत आपूर्ति और कोयला खनन पर असर पड़ सकता है। (भाषा) 

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