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कांग्रेस में घमासान, गांधी परिवार को छोड़ और कोई हो अध्यक्ष

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, शनिवार, 25 अक्टूबर 2014 (08:46 IST)
नई दिल्ली। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रह चुके पी. चिदंबरम ने कहा है कि गांधी परिवार के बाहर का हो सकता है कांग्रेस अध्यक्ष। उनके इस बयान पर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में घमासान बढ़ गया है। लगता है कि अब दो खेमे होने लगे हैं: एक वे जो गांधी परिवार से मुक्त होना चाहते हैं तो दूसरे वे जो प्रियंका वाड्रा गांधी को लाने की बात कर रहे हैं। 
 
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने एनडीटीवी से कहा है कि भविष्य में गांधी परिवार से बाहर का कोई कांग्रेस अध्यक्ष हो सकता है। चिदंबरम के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। चिदंबरम के इस इंटरव्यू ने इस बहस को चिंगारी दे दी है कि क्या कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होगा?
 
चिदंबरम ने कहा, 'कांग्रेस का मनोबल गिरा हुआ है। पार्टी नेतृत्व को फौरन कुछ करना चाहिए।' चिदंबरम से सवाल पूछा गया था कि क्या ये संभव है कि गांधी परिवार से बाहर का कोई शख्स भविष्य में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बने। इस सवाल पर चिदंबरम ने कहा हां ये हो सकता है।
 
पूर्व वित्त मंत्री ने कबूल किया है कि भाजपा ने जमकर प्रोपेगंडा कर रखा है और लोगों तक अपनी बात ज्यादा बेहतर ढंग से पहुंचाई है।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को और अधिक मुखर होना चाहिए और ऐसा ‘टाइम टेबल’ अमल में लाना चाहिए जो पार्टी को ऐसे समय में 'सच्चे विपक्ष’ की भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाए जब पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी गिरा हुआ है।
 
चिदंबरम ने यह भी कहा कि सरकार के सामने एक कारगर, मजबूत और ठोस विपक्ष पेश करने के लिए पार्टी के पुनर्गठन का बड़ा कार्य लंबित है। चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संगठन में नम्बर एक हैं और यह भी कि जनवरी 2013 में जयपुर में राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय ‘शायद सही फैसला’ था।
 
पार्टी के एक वर्ग में प्रियंका गांधी के लिए उठ रही मांग से संबंधित सवालों पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से और ज्यादा मुखर होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे और ज्यादा रैलियों को संबोधित करें, उनसे अनुरोध करूंगा कि मीडिया से मिलें। एक समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं सहमत हूं कि कांग्रेस (कैडर) का मनोबल काफी नीचे है, लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि मनोबल को उठाया नहीं जा सकता। दिशा नहीं दी जा सकती। मुझे यकीन है कि कांग्रेस नेतृत्व के पास (इसके लिए) एक टाइम टेबल है। (भाषा) 

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