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जाति, धर्म, रंग, नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं

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नई दिल्ली , मंगलवार, 21 अप्रैल 2015 (17:06 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस ने सत्तारुढ़ पार्टी और सरकार से जुड़े लोगों के हाल के विवादास्पद बयानों को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इन बयानों को संविधान एवं शांति व्यवस्था के खिलाफ बताया, जिस पर सरकार ने कहा कि वह जाति, धर्म, रंग, नस्ल के आधार पर विभेद की बात का समर्थन नहीं करती।
सदन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक भारत के संविधान का प्रश्न है। देश का संविधान सभी को समान अधिकार देता है और जाति, धर्म, रंग, नस्ल के आधार पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता है।
 
उन्होंने कहा कि सदन के अंदर या सदन के बाहर कोई भी ऐसा बयान देता हो जिससे जाति, धर्म, रंग, नस्ल के आधार पर भेदभाव की बात आती है तब हमारी सरकार किसी सूरत में इसका समर्थन नहीं कर सकती। राजनाथ ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है।
 
इससे पहले सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के एमआई शाहनवाज ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सत्तापक्ष के कुछ सदस्य एवं संगठन गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जिनमें एक समुदाय के लोगों की जबरन नसबंदी कराने जैसी बात भी शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि यह आपराधिक मामला है, देश के खिलाफ और संविधान के खिलाफ अपराध है। इस विषय पर आपराधिक मामले के रूप में कार्रवाई की जाए। कांग्रेस के ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे एक सदस्य ने जो विषय उठाया है, वह महत्वपूर्ण है। आए दिन सरकार से जुड़े लोगों एवं कुछ मंत्रियों द्वारा ऐसी बातें कही जा रही हैं जो संविधान और देश के खिलाफ है।
 
उन्होंने कहा कि सदन में गृहमंत्री मौजूद हैं। आपको यह देखना चाहिए कि नई सरकार का गठन हुआ है और नई सरकार संविधान के अनुरूप चलती है। ऐसा संदेश जाना चाहिए, लेकिन नसबंदी कराने और रामजादे जैसे बयान से क्या देश में शांति बनी रह सकेगी। (भाषा) 

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