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मोदी के अहंकार की भेंट चढ़ रही है संसद : कांग्रेस

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 31 जुलाई 2015 (17:26 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने संसद में जारी गतिरोध के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार इसके लिए गंभीर नहीं है और अहंकार से भरे मोदी के विपक्ष की मांग पर ध्यान नहीं देने के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि मोदी और उनकी सरकार संसद की कार्यवाही को सुचारु ढंग से चलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उनका कहना था कि सरकार संसद को चलाने के लिए गंभीर नहीं है। संसद को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है और उसका दायित्व है कि सदन सुचारु रूप से चले। 
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग पर मोदी को मौन व्रत तोड़कर संसद चलाने का रास्ता साफ करना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि वे अपने अहंकार के कारण चुप्पी साधे हैं। उनका कहना था कि संसद में हंगामा पहले भी होता रहा है लेकिन सभी सरकारों ने हमेशा विपक्ष की मांग का सम्मान किया है लेकिन मोदी अपने अहंकार के कारण इस परंपरा को भी तोड़ रहे हैं। 
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस पर सदन को चलने नहीं देने के आरोप पर उन्होंने कहा कि जेटली को आरोप लगाने से पहले देखना चाहिए था कि विपक्ष के तौर पर उनकी भूमिका कितनी जिम्मेदारी भरी थी। 
 
उनका कहना था कि 2010 से 2014 के बीच संसद के 900 घंटे बर्बाद हुए थे। उस समय जेटली राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे और गुरुवार को राज्यसभा के 300 से अधिक घंटे विपक्ष के हंगामे के कारण बर्बाद हुए थे।
 
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मानसून सत्र की अवधि भारतीय संसद के इतिहास में इस बार सबसे कम रखी गई है लेकिन सरकार इस कम अवधि के सत्र को चलाने के लिए उत्साहित नहीं है। उनका कहना था कि सरकार के पास संसद में कोई एजेंडा नहीं है। संसद की कार्यवाही में जारी बाधा पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है इससे जाहिर होता है कि सरकार संसद चलाने के लिए गंभीर नहीं है।
 
संसद में गतिरोध समाप्त करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में पार्टी फोटो खिंचवाने के लिए अथवा चाय पीने नहीं जाएगी। इसके लिए पहले प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी होगी और बताना होगा कि विपक्ष की मांग पर वे किस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं।
 
उनका कहना था कि कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पहले सरकार बताए कि वह विपक्ष की मांग पर किस तरह की कार्रवाई कर रही है? उसके बाद ही अध्यक्ष द्वारा बुलाई जाने वाली किसी भी बैठक में कांग्रेस शामिल होगी।
 
आतंकवाद पर उन्होंने सरकार को राजनीति नहीं करने की सलाह दी और आरोप लगाया कि राज्यसभा में गुरदासपुर की आतंकी हमले की घटना पर विपक्ष के कारण सर्वसम्मति से प्रस्ताव स्वीकार हुआ है और इस प्रस्ताव में आतंकवाद के खिलाफ विपक्ष की आवाज भी लेकिन उसे दबाया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान नीति स्पष्ट करनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि सीमा पार से लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं और संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है फिर भी सरकार पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।उन्होंने कहा कि मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच ऊफा में जो बातचीत हुई है उसको सार्वजनिक किया जाना चाहिए। (वार्ता)
 

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