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गुजरात दंगों को लेकर माफी मांगें मोदी : कांग्रेस

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 3 जुलाई 2015 (14:43 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को गुजरात दंगों का मुद्दा एक बार फिर उठाया और रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलाट के दावों का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 2002 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए माफी की मांग की। वर्ष 2002 में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
 
पार्टी ने आतंकवाद से लड़ने की भाजपा की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वे राष्ट्रवाद का मुखौटा पहने हुए हैं। वर्ष 1999 में उड़ान आईसी-814 के अपहरण मामले में हुई कथित गड़बड़ी सहित दुलाट द्वारा किए गए दावों का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता अजय कुमार ने सत्तारूढ़ पार्टी पर आतंकवादियों और आतंकवाद के साथ हमेशा समझौता करने का आरोप लगाया।
 
मोदी पर निशाना साधते हुए अजय कुमार ने कहा कि दुलाट कहते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मानते थे कि वे गुजरात दंगों के कारण वर्ष 2004 का चुनाव हार गए। भारतरत्न वाजपेयी ने 2002 में हुई शर्मनाक घटनाओं की साफ निंदा की है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने तब मुख्यमंत्री मोदी को ‘राजधर्म’ का पालन करने की याद दिलाई थी।
 
बातचीत में कुमार ने पूछा कि क्या मोदी भारतरत्न वाजपेयी के शब्दों का सम्मान करेंगे और 2002 के दंगों के लिए देश से माफी मांगेंगे? गुजरात दंगों से जिस तरह निपटा गया था उसे लेकर मोदी विवादों के घेरे में रहे हैं।
 
कुमार ने कहा कि ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ के पूर्व प्रमुख के साक्षात्कार में व्यथित करने वाले कुछ तथ्य सामने आए हैं जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के साथ सक्रिय बातचीत और यहां तक कि उसके बेटे को मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलाना भी शामिल है।
 
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि इससे भाजपा का छद्म राष्ट्रवाद जाहिर होता है। जब वह सत्ता में रही, उसने आतंकवादियों और आतंकवाद से समझौता किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सलाहुद्दीन और उसका संगठन देश में हजारों लोगों की जान लेने का जिम्मेदार है। इससे यह भी जाहिर होता है कि भाजपा सिर्फ राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनती है।
 
उड़ान आईसी-814 के अपहरण मामले का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दुलाट का मानना है कि ‘क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप’ दुर्भाग्यवश नाकाम रहा और विमान को अमृतसर से रवाना होने की अनुमति दे दी गई जिससे 3 दुर्दांत आतंकवादियों की रिहाई हुई।
 
अजय कुमार ने कहा कि तत्कालीन सरकार के वरिष्ठ नेता ‘क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप’ का हिस्सा थे। यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि किन परिस्थितियों में विमान को अमृतसर से जाने की अनुमति दी गई और इसके लिए कौन जिम्मेदार था?
 
उन्होंने कहा कि अगर विमान को अमृतसर में रोका जाता तो कई बेकसूर लोगों की जान बचाई जा सकती थी। इस मामले में अपहृत विमान के यात्रियों की सुरक्षित रिहाई के लिए मसूद अजहर सहित 3 कुख्यात आतंकवादियों को रिहा किया गया था।
 
अजय कुमार ने कहा कि यह सौदा बहुत महंगा पड़ा, क्योंकि 3 आतंकवादियों की रिहाई के फलस्वरूप हजारों लोगों की जान गई और मसूद अजहर पाकिस्तान से भड़काऊ अभियान की अगुवाई कर रहा है। (भाषा)

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