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मोदी सरकार का ईमानदारी का गुब्बारा फूट गया : माकपा

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नई दिल्ली , गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (19:27 IST)
नई दिल्ली। ललित मोदी प्रकरण, व्यापमं घोटाला तथा अन्य विवादों को लेकर केंद्र और राज्यों में भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी  सरकार के 'ईमानदारी' और 'स्वच्छ प्रशासन' के नारों की हवा निकल गई।
 
पार्टी ने अपने मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के आगामी अंक के संपादकीय में यह भी दावा किया कि  प्रधानमंत्री को इस घटना के प्रति आंखे मूंदे रखने के लिए आने वाले दिनों में 'बड़ी कीमत' चुकानी  पड़ेगी।
 
माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने संपादकीय में कहा कि भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने  के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मथुरा जिले में एक रैली में अपने संबोधन के दौरान दावा किया  था कि उन्होंने उन लोगों के लिए अच्छे दिन की गारंटी नहीं दी थी जिन्होंने राष्ट्र को लूटा है, उनके लिए  यह बुरे दिन हैं।
 
उन्होंने आगे यह भी कहा था कि क्या पिछले एक साल में घोटाले या भाई भतीजावाद की कोई खबर  आई है। करात ने कहा कि इस दावे के कुछ ही दिनों के बाद ईमानदारी और स्वच्छ प्रशासन का गुब्बारा  फूट गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद और सांठगांठ वाले पूंजीवाद के दाग मोदी सरकार  और भाजपा की राज्य सरकारों को घेरने लगे हैं।
 
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारतीय भगोड़े ललित मोदी को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल करने में मदद  देने के लिए विवादों के केंद्र में हैं जबकि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर पूर्व आईपीएल प्रमुख  के आव्रजन आवेदन का समर्थन करने के आरोप लगे हैं। यह मामला राजे के विधानसभा में विपक्ष का  नेता रहने के समय का है।
 
राजे के अलावा उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह पर ललित मोदी के साथ वित्तीय लेनदेन के आरोप लगे हैं।  विपक्षी दल सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
 
करात ने ललित मोदी को राजे की कथित मदद को चौंकानेवाला बताया और यह कह कर राजे का बचाव  करने का प्रयास करने के लिए सरकार की आलोचना की कि राजे ने कुछ गलत नहीं किया है। (भाषा) 

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