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नोटबंदी, 500-1000 के नोट बंद होने पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, जानिए...

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हमें फॉलो करें नोटबंदी, 500-1000 के नोट बंद होने पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, जानिए...
, बुधवार, 9 नवंबर 2016 (10:04 IST)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देर शाम देश में 500 व 1000 रुपए के करंसी नोटों पर बैन लगा देने से जहां काले धन पर सर्जीकल स्ट्राइक की गई है वहीं जाली नोटों पर भी तुरंत कार्रवाई हो गई है परन्तु घबराई जनता में अफरा-तफरी का माहौल है। मध्यम व गरीब वर्ग के लोगों में भारी बेचैनी दिखी क्योंकि उनके पास भी 500 या 1000 रुपए के नोट ही थे। दूसरी ओर सेंसेक्स में इस खबर से हड़कंप मचा हुआ है। अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। इस मामले में विशेषज्ञ क्या कहते हैं आओ डालते हैं एक नजर उनकी राय पर...
आम लोगों का माना है कि काले धन को जमा करने में मुख्य रूप से बड़े नोटों का ही इस्तेमाल होता है। विभागों में घूसखोरी में भी बड़े नोट ही दिए जाते हैं। 500 व 1000 के नोट बंद होने से भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो सकेगा। हालांकि विशेषज्ञों की नजर में यह कड़वी दवा की तरह है। शेयर बाजार के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 40 फीसदी हिस्सा स्मॉल और मीडियम साइज इंटरप्राइज से प्रभावित है जोकि नकदी ट्रांजैक्शन पर चलता है। अर्थशास्त्री कहते हैं कि सरकार की इस घोषणा से इन कारोबारों पर असर पड़ेगा और इस असर से देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी।
 
एलआईसी म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सरवना कुमार ने कहा कि यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह बहुत अच्छा कदम है। इससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगेगी और वित्तीय घाटा कम होगा. काले धन पर भी लगाम लगेगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इकॉनमी में इस कदम से 'कुछ उथल पुथल देखी जा सकती है लेकिन वह कुछ समय के लिए होगी।' बाजार विशेषज्ञ अंबरीश बालिगा ने यह ट्वीट किया. विशेषज्ञों की राय में रीयल एस्टेट स्टॉक्स में मार्केट पर आज बुरा असर पड़ देखा जा सकता है।
 
उद्योगपति राजिंद्र सिंह मरवाहा व गौरव पुरी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने करंसी नोटों पर रोक लगाकर कड़वी दवा वाला कदम उठाया है। शुरू के 3-4 महीनों में तो यह दवा लोगों को काफी कड़वी लगेगी, परन्तु दीर्घकाल में इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। इस कदम से आने वाले समय में काले धन पर रोक लगने के साथ-साथ जमाखोरी पर भी रोक लगेगी परन्तु सरकार को यह कदम उठाने से पहले छोटी करंसी का पर्याप्त संख्या में प्रबंध करवाना चाहिए था ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि देश में सारा काम एक नम्बर में हो। बैंकिंग प्रणाली का लोग अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। 
 
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि बाजार से मौजूदा 500 और 1,000 रुपए के नोटों को हटाने का सरकार का फैसला नकली नोट और कालेधन पर एक 'सर्जिकल स्ट्राइक' है।अधिया ने ट्वीट पर कहा, कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया यह सबसे साहसिक और बड़ा कदम है।यह कालेधन के खिलाफ एक तरह की सर्जिकल स्ट्राइक है।
 
वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि देश के लिए परेशानी का सबब बन चुके कालेधन और नकली मुद्रा के खिलाफ सरकार की तरफ से उठाया गया यह एक और कदम है।लवासा ने ट्वीट कर कहा, लोगों को इसे समझना चाहिए, सहयोग करना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना चाहिए।पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जिन लोगों के पास 500 और 1,000 रुपए के नोट जमा हैं उसे बैंक अथवा डाकघर में 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच बदला जा सकेगा।

बैंकरों, उद्योग जगत की प्रतिक्रिया : बैंकरों और उद्योग जगत के नेताओं ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के कदम को साहसिक और क्रांतिकारी कदम बताकर इसका स्वागत किया और लेन-देन सुगम बनाने में अपनी प्रतिबद्धता जताई।
 
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष अरंधति भट्टाचार्य ने कहा, 'हम एटीएम में जल्द से जल्द नोट डालेंगे और उनसे राशि निकालना सुगम बनाएंगे। सरकार ने आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त छूट दी हैं। हम 24 घंटे काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ग्राहकों का काम सरलता से हो।' उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में इस तरह की विमुद्रीकरण की स्थितियों से पहले भी निपटा गया है और इस बार भी हम ऐसा करेंगे।
 
आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा, 'समांतर अर्थव्यवस्था पर रोक लगाने के लिए संभवत: सबसे महत्वपूर्ण कदम है। यह भुगतान के सभी औपचारिक चैनलों को प्रोत्साहित करेगा जो औपचारिक अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप में तेजी से बढ़ने में मदद करेंगे।'
 
एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने कहा, 'इस बड़े सुधार की उम्मीद किसी को नहीं थी और इसका उन लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा जिनके पास पैसा रखा है लेकिन कर देने की वजह से उसका खुलासा नहीं करते।'
 
महिंद्रा समूह के उपाध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'सफलता में आश्चर्यचकित करने का तत्व जरूरी होता है और अद्भुत बात है कि इस बड़े कदम को गोपनीय रखा गया।'
 
जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल ने इस कदम को अद्भुत और काले धन को रोकने के लिए बहुत साहसिक कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि बड़े मूल्य के नोट बंद करने से नगदी जमा में नियंत्रण होगा। पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है जो डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी करेगा।

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