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BECA : भारत-अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया महत्वपूर्ण कदम

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, बुधवार, 28 अक्टूबर 2020 (08:18 IST)
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक बीईसीए (BECA) समझौता होने के साथ ही दोनों देशों ने मंगलवार को सैन्य मंचों और हथियार प्रणालियों के सह-विकास सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार करने का संकल्प लिया। 
 
'बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट' (बीईसीए) के तहत अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों की सेनाओं के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी। इस पर टू प्लस टू वार्ता के तीसरे संस्करण के दौरान हस्ताक्षर किए गए हैं जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा अमेरिका की ओर से वहां के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने हिस्सा लिया था।
सिंह ने वार्ता के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 2016 में एलईएमओए और 2018 में सीओएमसीएएसए पर हस्ताक्षर करने के बाद भू-स्थानिक सहयोग के लिए आधारभूत विनिमय और सहयोग समझौते (बीईसीए) पर हस्ताक्षर करना, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
 
दोनों देशों ने साल 2016 में 'लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट'(एलईएमओए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं मरम्मत और आपूर्ति की पुनः पूर्ति के लिए एक-दूसरे के अड्डों का इस्तेमाल कर सकती हैं। 
 
संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (सीओएमसीएएसए) 2018 में हुआ था जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच पारस्परिकता प्रदान करता है और इससे अमेरिका से उच्च प्रौद्योगिकी को भारत को बेचने की अनुमति मिलती है।
 
सिंह ने कहा कि आज की बैठक में हमने संभावित क्षमता निर्माण और अन्य देशों, जिसमें हमारे पड़ोसी देश भी शामिल हैं, में संयुक्त सहयोग गतिविधियों पर विचार–विमर्श किया। इस तरह के कई प्रस्तावों पर हमारे विचार एकसमान हैं और हम इसे आगे बढ़ाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र जागरूकता में सहयोग के लिए हमारे अनुरोध की स्वीकृति का मैं स्वागत करता हूं। दोनों पक्ष आवश्यकताओं को समझने और अपेक्षित प्रणालियों और विशेषज्ञता के संयुक्त विकास के लिए प्रक्रियाएं शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने 'क्वाड' या क्वाड्रिलेटरल गठबंधन को विस्तारित गतिविधियों के जरिए मजबूत करने का भी समर्थन किया, जिनमें साझेदार देशों के संगठन के बीच संवाद शुरू करना भी शामिल है।
 
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक विदेश मंत्री पोम्पिओ ने अमेरिका-भारत के बीच बढ़ती घनिष्ठता और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समान विचारधारा वाले देशों में साझे लक्ष्य की पुनःपुष्टि की। 'क्वाड' में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस समूह के विदेश मंत्रियों ने गठबंधन के तहत सहयोग को और बढ़ाने के लिए 6 अक्टूबर को वार्ता की थी।
 
प्रेस वार्ता में सिंह ने कहा कि बैठक में हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा-स्थिति का मूल्यांकन साझा किया। हमने इस क्षेत्र में सभी देशों की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अपनी स्वीकृति की फिर से पुष्टि की।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम इस बात पर भी सहमत हुए कि यह आवश्यक है कि नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखा जाए, कानून के शासन का सम्मान किया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुद्र में आवागमन की स्वतंत्रता हो और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखा जाए। 
 
उन्होंने कहा कि हमारा रक्षा सहयोग इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का इच्छुक हैं। दोनों पक्षों ने आगामी मालाबार अभ्यास में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया का स्वागत किया। (भाषा) (फोटो सौजन्य : ट्‍विटर)

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