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दिल्ली में मामूली भूकंप से भी हो सकती है तबाही

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नई दिल्ली , सोमवार, 27 अप्रैल 2015 (22:36 IST)
नई दिल्ली। नेपाल में भूकंप से विनाश के बीच विशेषज्ञों ने आज आगाह किया कि भूकंप के मामूली झटके से भी दिल्ली जैसे भारतीय शहरों में भारी तबाही आ सकती है। उन्होंने देश के भवन नियमन में खामियों का उल्लेख किया। यदि दिल्ली में 6.5 का भूकंप आ जाता है तो वह भीषण तबाही मचा सकता है। 
 
‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ (सीएसई) ने भारतीय भवनों की हालत और गुणवत्ता के ‘खराब’ होने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में भूकंप के बिना ही कई इमारतों के गिरने की घटनाएं होती हैं तथा दिल्ली में 70-80 फीसदी भवनों में नियमन का उल्लंघन हुआ है।
 
सीएसई के वरिष्ठ शोधकर्ता अविकल सोमवंशी ने कहा, ‘विशेषज्ञों का अनुमान है कि मामूली तीव्रता के भूकंप से भी भारत खासकर दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जानमाल का भारी नुकसान हो सकता है। दिल्ली में 90 फीसदी भवनों का निर्माण राजगीरों अथवा कांट्रेक्टर द्वारा किया गया है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘नवनिर्मित मकानों में भी कभी कभार ही राष्ट्रीय भवन संहिता-2015, दिल्ली के मास्टर प्लान-2021, भवनों से संबंधित कानूनों का पालन किया जाता है।’ साल 2006 में गठित तेजेंद्र खन्ना समिति का हवाला देते हुए सीएसई ने कहा कि समिति ने पाया कि 70-80 फीसदी ढांचों में भवन एवं विकास नियंत्रण नियमन का उल्लंघन किया गया।
 
सोमवंशी ने कहा, ‘जब भूकंपरोधी स्थिति की बात करते हैं तो उस संदर्भ में भारतीय भवनों की हालत और गुणवत्ता काफी खराब है।’  

इसलिए देश के दिल को सबसे ज्यादा खतरा है : भू-विज्ञान मंत्रालय के शैलेंद्र नायक ने कहा कि दिल्ली हिमालय के बिलकु करीब है और यदि वहां कोई बड़ी हलचल धरती के भीतर होती है तो इसका सीधा असर देश की राजधानी पर पड़ेगा। 

भूगर्भ विशेषज्ञ  सोमित्र मुखर्जी का भी मानना है कि यदि दिल्ली में 6.5 का भूकंप आ जाता है तो जो तबाही होगी, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस तरह का भूकंप देश के दिल कहे जाने वाले पूरे दिल्ली को दहला सकता है। इसकी एक वजह यह भी है ‍कि यहां ज्यादातर बहुमंजिला इमारते भूकंपरोधी नहीं हैं।

भारत में जिन राज्यों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है, वे  दिल्ली के अलावा कश्मीर हिमाचल, उत्तरांचल  हैं। दिल्ली से भी ज्यादा खतरा पूर्वोत्तर राज्य को है जो भूकंप के मुहाने पर बैठा है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली पर खतरा इसलिए है क्योंकि  जमीन के नीचे 'फॉल्ट लाइन' दिल्ली को चार स्थानों से जोड़ रही है। दिल्ली-सरगोदा फॉल्ट लाइन पाकिस्तान तक जाती है। दिल्ली-देहरादून 'फॉल्ट लाइन  हिमालय तक जाती। दिल्ली-रोहतक तथा दिल्ली-आगरा भी फॉल्ट लाइन के दायरे में हैं।  (वेबदुनिया/भाषा)

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