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ट्रम्प की नीति से भारत में घटेंगी नौकरियां

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, शुक्रवार, 5 मई 2017 (19:21 IST)
बेंगलुरु। एक एक्जीक्यूटिव सर्च कंपनी हैड हंटर्स इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि दस हजार अमेरिकियों को नौकरियां देने का इन्फोसिस का कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की खुशामद करने जैसा है जिसने एच1-बी के 'दुरुपयोग' के नाम पर वीजा कार्यक्रम के नियमों को और कड़ा बना दिया है।
 
हैड हंटर्स इंडिया के संस्थापक चेयरमैन और कंपनी के प्रबंध निदेशक के. लक्ष्मीकांत ने कहा कि अमेरिका में स्थानीय लोगों को रोजगार देना बहुत महंगा पड़ता है जिसके चलते भारतीयों के विदेशी कामों में कमी होगी। विदित हो कि अमेरिका ने शीर्ष भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों, टीसीएस और इन्फोसिस पर आरोप लगाया था कि ये कंपनियां अनुचित तरीके से वीजा कार्यक्रम के बड़े भाग को हथिया लेते हैं।
 
लेकिन एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति और राष्ट्रपति ट्रम्प के करीबी सहयोगी शलभ कुमार ने कहा है कि वीजा कार्यक्रम में होने वाली रोक से भारतीय कं‍पनियों चिंतित नहीं होना चाहिए। विदित हो कि कुमार ट्रम्प की इंडियन-अमेरिकन सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी हैं। 
 
उल्लेखनीय है कि कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रचार के दिनों में ट्रम्प की छवि को सकारात्मक बनाने के पर्याप्त प्रयास किया। समझा जाता है कि कुमार को ट्रम्प प्रशासन भारत में अमेरिका अगला राजदूत भी बना सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प का कार्यकारी आदेश जारी कर एच1-वीजा नियमों को और सख्त बनाने से भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प की तथाकथित सख्ती का कारण यह है कि राष्ट्रपति ट्रम्प वीजा जारी होने में गड़बड़ियों को समाप्त करना चाहते हैं। शलभ कुमार का कहना है कि ट्रम्प का यह उपाय भारतीय पेशेवरों के‍ खिलाफ कार्यवाही नहीं है वरन वे इसमें होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगाना चाहते हैं।     

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