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कलाम की अंतिम झलक पाने पहुंचे हजारों लोग

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नई दिल्ली , मंगलवार, 28 जुलाई 2015 (23:50 IST)
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की अंतिम झलक पाने के लिए उनके 10, राजाजी मार्ग स्थित आवास पर भारी भीड़ जमा हो गई और आम जनता के लिए आवास के दरवाजे खोले जाने के कुछ मिनट बाद अफरातफरी मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इससे प्रशासन की तैयारियों में कमी साफ नजर आई।
 
उमसभरे मौसम में भी बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर इंतजार करते रहे। लेकिन अव्यवस्थित कतारों के चलते ये लोग और खासकर महिलाएं तथा बुजुर्ग नाराज दिखाई दिए, जो घंटों तक कतार में खड़े थे। वहां कोई बैरिकेड आदि नहीं लगाए गए थे।
 
कलाम की पार्थिव देह को अपराह्न करीब 2:30 बजे उनके आवास पर लाया गया। शाम चार बजे तक अंतिम दर्शन आम जनता के लिए नहीं खुले थे क्योंकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वीवीआईपी लोग पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे।
 
लेकिन आम जनता के लिए दरवाजे खोले जाने के बाद बंगले के अंदर और बाहर भीड़ को नियंत्रित नहीं किए जाने की वजह से कई लोग कतार तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे और स्थिति बिगड़ गई। अफरातफरी की स्थिति में फंसे अनेक बुजुर्गों और महिलाओं ने मदद के लिए शोर भी मचाया। कुल मिलाकर स्थिति मौके की नजाकत से बिलकुल विपरीत बन गई थी।
 
अपने बेटे और पत्नी के साथ पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम दर्शन करने आए विन्नी खन्ना ने कहा, उन्हें अनुशासन के लिए जाना जाता था और इस लिहाज से बेहतर बंदोबस्त किए जा सकते थे। 
 
हालांकि कुछ लोगों ने और खासतौर पर पुलिसकर्मियों ने अव्यवस्थित भीड़ को ही हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। 22 वर्षीय शमीम ने कहा, वे पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम श्रद्धांजलि देने आए थे लेकिन बुनियादी शिष्टाचार भी नहीं अपनाया गया। 
 
पेकिंग यूनीवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के प्रमुख प्रोफेसर जियांग जिंगकुई ने कहा, कलाम के निधन से हम बहुत बहुत दुखी हैं। हम उन्हें हमेशा अश्रुपूरित नेत्रों से याद करेंगे। इस केंद्र ने कलाम को अतिथि प्रोफेसर के तौर पर सम्मानित किया था। कलाम का कल 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। (भाषा)

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