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चीन को ई-वीजा से चिदंबरम हैरान

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नई दिल्ली , गुरुवार, 28 मई 2015 (15:05 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने चीन को ई-वीजा सुविधा देने के मोदी सरकार के निर्णय को हैरान करने वाला बताया, जो अभी भी जम्मू कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश के लोगों को नत्थी वीजा दे रहा है।
 


 
चिदंबरम ने कहा, 'यह एक हैरान करने वाला फैसला है। आपने चीन को ई-वीजा देने की पेशकश की।' खुफिया एजेंसियों की चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान ऐलान किया था कि भारत चीनी सैलानियों को ई-वीजा देगा। इससे चीन यह सुविधा पाने वाला 77वां देश बन गया। मोदी के फैसले से असहमति जताते हुए, पूर्व वित्त मंत्री ने ऐसे फैसले का औचित्य जानना चाहा।
 
उन्होंने कहा कि चीन जम्मू कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश के लोगों को लगातार नत्थी वीजा जारी कर रहा है। आप इन दोनों चीजों में सामंजस्यच कैसे बिठाएंगे? चीन अरूणाचल और जम्मू कश्मीर के भारतीय नगारिकों को वीजा देने का इच्छुक नहीं है। चीन को ई-वीजा देने का औचित्य क्या है? मोदी ने 15 मई को प्रतिष्ठित शिंघुआ विश्वविद्यालय में छात्रों और संकाय को संबोधित करते हुए यह घोषणा की थी।
 
चीनी नागरिकों को ई-पर्यटन वीजा देने के बाद जिन देशों को यह सुविधा दी जा रही है उनकी संख्या बढ़कर 77 तक हो जाएगी जो अक्तूबर 2014 में मात्र 11 की थी।
 
पिछले साल 6,76,000 भारतीयों ने चीन की यात्रा की थी, जबकि इसी वर्ष केवल 1,74,000 चीनी नागरिकों ने भारत की यात्रा की। यह दोनों देशों के बीच यहां से जाने वाले और वहां से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी अंतर दर्शाता है।
 
फिलहाल भारत कई पर्यटक क्षेत्रों को विकसित कर रहा है, जिसमें बौद्ध क्षेत्र और हिमालयी क्षेत्र शामिल हैं जो चीन से भारत आने वाले सैलानियों के लिए रूचिकर हो सकते हैं। भारत इस साल नवंबर में शंघाई में समकालीन कला की प्रदर्शनी का भी आयोजन कर रहा है।
 
वर्ष 2015 को चीन ‘विजिट इंडिया ईयर’ के तौर पर मना रहा है, जबकि वर्ष 2016 को भारत ‘विजिट चीन ईयर’ के तौर पर मनाएगा। (भाषा)
 
 

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