नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लाभ का पद मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सुनवाई आज पूरी कर ली और मामला सुरक्षित रखा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। प्रशांत पटेल नामक अधिवक्ता ने इतनी बड़ी संख्या में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लाभ के पद के दायरे में बताते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास शिकायत की थी। राष्ट्रपति ने मामला जांच के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा था।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करके उन्हें आवास, कार और अन्य तरह की सुविधायें मुहैय्या कराईं गईं जिससे यह लाभ पद का मामला बनता है। दिल्ली उच्च न्यायालय विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को रद्द कर चुका है।
चुनाव आयोग यदि विधायकों के खिलाफ निर्णय लेता है तो इसके बावजूद केजरीवाल की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 70 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के 65 विधायक हैं। पार्टी 2015 में पूरे विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर विजई हुई थी। बवाना से आप विधायक वेदप्रकाश आज ही पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए हैं।
राजौरी गार्डन से चुने गए विधायक जरनैल सिंह ने पंजाब की लम्बी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। सिंह लम्बी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़े और हार गए थे। राजौरी गार्डेन सीट पर 9 अप्रैल को उपचुनाव होना है। (वार्ता)