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जम्मू-कश्मीर में तेज बारिश की चेतावनी

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, मंगलवार, 9 सितम्बर 2014 (10:13 IST)
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ से मची तबाही के बीच मौसम विभाग ने वादी तेज बारिश होने की संभा‍वना व्यक्त की है। दूसरी ओर एनडीआरएफ, सेना ने मिलकर अब तक करीब 23 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। सेना और एनडीआरएफ ने बचाव कार्य तेज किया।
 
इस बीच नेवी के मरीन कमांडो ने भी राज्य में मोर्चा संभाल लिया है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के हालात पर मंगलवार को कैबिनेट सचिव ने एक बैठक बुलाई है जो राहत कार्यो और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करेगी।
 
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में साठ वर्षो में आई इस भीषण त्रासदी का मंजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपनी आंखों से देखा था। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार को हर संभव मदद का भरोसा देते हुए अतिरिक्त एक हजार करोड़ रुपए की तत्काल सहायता राशि भी उपलब्ध कराई थी।
 
इसके लिए कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह और गुलाम नबी आजाद उनकी जमकर तारीफ भी की है।
सेनाध्यक्ष ने भी साफ कर दिया है कि जब तक सेना के जवान आपदा में फंसे आखिरी व्यक्ति को सुरक्षित नहीं निकाल लेती है तब तक वे बैरक में वापस नहीं लौटेंगे। सेना के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित जम्मू कश्मीर हाईवे को खोलने में अभी चार-पांच दिन और लगेंगे।
 
इस बीच खराब मौसम के चलते वैष्णो देवी की यात्रा को एक बार फिर से रोक दिया गया है। सोमवार सुबह भवन की ओर रवाना किए गए 25 हजार श्रद्धालुओं में से पांच हजार को पहले पड़ाव दर्शनी ड्योढ़ी से लौटा दिया गया, जबकि आगे बढ़ चुके करीब 20 हजार यात्रियों को चरण पादुका, अर्धकुंवारी, सांझीछत सहित अन्य स्थानों पर रोक दिया गया है। रोके जाने से पूर्व जो श्रद्धालु आगे बढ़ गए थे उन्होंने दर्शन किए।
 
श्रीनगर में शिवपुरा और इन्द्रानगर इलाकों से लगता कैंट इलाका झेलम नदी में दरार आने के बाद पानी का स्तर 18 फुट तक बढ़ जाने से जलमग्न हो गया है। रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि घाटी के कई इलाकों में दूसरे तल, तीसरे तल या छत पर हजारों लोगों के फंसे होने को देखते हुए सेना ने रात में भी बचाव अभियान जारी रखने की योजना बनाई है। (भाषा)
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