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बारिश से कश्मीर के हालात बिगड़े, बाढ़ का अलर्ट जारी

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, सोमवार, 30 मार्च 2015 (07:59 IST)
जम्मू। कश्मीर घाटी के लोग पिछले सात सितंबर को आई भीषण बाढ़ से हुई तबाही को भूल भी नहीं पाए थे कि शनिवार शाम से हो रही मूसलधार बारिश ने एक बार फिर पहले जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। झेलम समेत सभी प्रमुख नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और घाटी में लगभग छह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने से कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है।
चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है क्योंकि झमाझम बारिश के बीच हिमपात का भी कहर जारी है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई मकान गिर गए हैं। बारिश का कहर पूरे राज्य में बरप रहा है। राज्यभर में बाढ़ का हाई अलर्ट जारी किया गया है।

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तेज बरसात के कारण श्रीनगर समेत राज्य के तमाम इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। संसदीय कार्यमंत्री वैंकेया नायडू के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों को राज्य में जाकर वहां हालात का जायजा लेने और बेमौसम बरसात से हुए किसानों के नुकसान का आकलन करने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को भेजा।
 
लगातार हो रही बारिश से झेलम, रंबियार, वेसु, दूधगंगा, लिद्दर समेत सभी प्रमुख नदियों-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिला उपायुक्त श्रीनगर फारूक अहमद लोन ने कहा कि ड्रेनेज की उचित व्यवस्था न होने के कारण ही विभिन्न इलाकों में पानी जमा हुआ है। पुलवामा में पानी का स्तर बढऩे के साथ कई लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। 
 
हालांकि मौसम विभाग अनुसार ऐसे हालात 4 अप्रैल तक बने रहेंगें। श्रीनगर स्थित मौसम विभाग का कहना है कि बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से है और यह सोमवार को कमजोर हो जाएगा।
 
इधर, जम्मू में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बिश्नाह में आसमानी बिजली गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई।
 
इधर, लालचौक समेत कई इलाकों में पानी भर गया है और लोगों ने अपने घरों व दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया है। उधर झेलम मेडिकल कॉलेज में पानी घुस गया है और वहां के मरीजों को अन्यत्र स्थनांतरित कर दिया गया है। कश्मीर में 44 मकानों सहित पूरे राज्य में 50 मकान ढह गए हैं। इसके अलावा कश्मीर में बाढ़ में फंसे 237, जम्मू के पुंछ जिले में 20 लोगों सहित पूरे राज्य में करीब तीन सौ लोगों को पुलिस ने बचाया। वहीं जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी जगह-जगह भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया है।
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हालात को भांपते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद भी दिल्ली से कश्मीर पहुंच गए और एक उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा कई मंत्रियों को हालात सामान्य होने तक वादी में रहने को कहा गया है। इस बीच सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मुख्यमंत्री ने सेना से भी सहयोग के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है। 
 
सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए रेत की 12 लाख बोरियां मंगाई है। कश्मीर के सभी स्कूल कॉलेजों को अनिश्चित काल के लिए बंद करवा दिया है तथा परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।
 

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