नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना को बेहद संवेदनशील मामला बताते हुए वीडियो साइट यूट्यूब को बीबीसी की इस घटना पर बनाई गई विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को हटाने को कहा है। सरकार की नाराजगी के बाद यूट्यूब ने डॉक्यूमेंट्री हटा ली है।
भारत सरकार के विरोध के बावजूद बीबीसी ने ब्रिटेन में बुधवार की रात को इस डॉक्यूमेंट्री को जारी किया और इसे यूट्यूब पर भी अपलोड किया गया।
सूत्रों के अनुसार संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यूट्यूब से कहा है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और उसे इस मामले पर अपनी स्थिति की समीक्षा करना चाहिए और इसे वेबसाइट से हटा देना चाहिए।
संपर्क करने पर यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने कहा कि सूचना तक पहुंच को एक स्वतंत्र समाज की आधारशिला मानते हुए और इस बात में विश्वास रखते हुए कि यूट्यूब जैसी सेवाएं लोगों को खुद को अभिव्यक्त करने में मदद करती हैं, भिन्न विचारों को साझा करती हैं... हम ऐसी सामग्री को हटाना जारी रखेंगे, जो गैरकानूनी या हमारे कम्युनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती हैं।
हालांकि यूट्यूब ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि उसे सरकार से कोई अधिसूचना मिली या नहीं। साइट से सामग्री को हटाने के लिए ऐसी अधिसूचना जरूरी है।
इस समाचार को लिखे जाने तक डॉक्यूमेंट्री यूट्यूब पर उपलब्ध थी और लोगों द्वारा बार-बार साझा किए जाने के बाद यह काफी प्रसारित हो चुकी है। इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने को लेकर सरकार बीबीसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्पों का अध्ययन कर रही है।
बीबीसी ने 16 दिसंबर की सामूहिक बलात्कार की घटना के दोषी के विवादास्पद साक्षात्कार वाली इस डॉक्यूमेंट्री को गृह मंत्रालय के निर्देश के बावजूद जारी किया। गृह मंत्रालय ने बीबीसी से ऐसा नहीं करने को कहा था।
बीबीसी ने गुरुवार को सरकार को सूचित किया कि निर्देश की अनुपालना करते हुए उसकी इसे भारत से बाहर दिखाने की कोई योजना नहीं है।
दिल्ली की एक अदालत ने अपने आदेश में दोषी मुकेश सिंह के साक्षात्कार को अगले आदेश तक प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी जिसे यहां तिहाड़ जेल के भीतर लिया गया था। (भाषा)