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गुर्जरों ने किया रेलवे ट्रैक पर कब्जा

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, शुक्रवार, 22 मई 2015 (13:38 IST)
नई दिल्ली। राजस्थान के गुर्जरों ने एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर पटरियों पर कब्जा कर लिया है, जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी रात भार से ट्रैक पर जमे हुए है।
अचानक शुरू हुए गुर्जर आंदोलन के चलते दिल्ली-मुंबई रेल रूट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें रद्द, दिल्ली से मुंबई जाने वाली 22 ट्रेनों के रास्ते बदले गए है। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई रेल लाइन भी प्रभावित हुए है। मथुरा में मुंबई और कोटा जाने वाले कई ट्रेनों को जहां रद्द किया है तो वहीं कई ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है।

राजस्थान के गांव पीलूपुरा में गुर्जरों ने आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर वहीं पर अपने खाने पीने से लेकर बाकी दिनचर्या के काम भी किए जा रहे हैं। आज भी वे पटरियों पर जमे हुए हैं।

सरकार से बातचीत को तैयार, बशर्ते... : एक और स्थानीय गुर्जर नेता कैप्टन हरप्रसाद का कहना है कि अब हम सरकार से किसी भी तरह की बात नहीं करेंगे। सरकार को हमारी मांग मननी ही होगी। जबकि दूसरी ओर गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा है कि गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर हम सरकार से वार्ता करने को तैयार हैं,  लेकिन बातचीत से कुछ निष्कर्ष निकलना चाहिए। उधर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि सरकार हमेशा वार्ता करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए गुर्जर नेताओं को जयपुर आना होगा।

गौरतलब है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे और पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने गुर्जर सहित पांच जातियों को एसबीसी (विशेष पिछड़ा वर्ग) में पांच फीसदी आरक्षण दे रखा है। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। क्योंकि, संविधान के अनुसार इन्हें 5% आरक्षण देते ही राज्य में कुल आरक्षण 50% से ज्यादा हो रहा था। नियमानुसार 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता। पांच प्रतिशत आरक्षण के मामले की  हाईकोर्ट में 16 जुलाई को सुनवाई है।

गुर्जरों का कहना है कि 5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण तो सरकार ने उन्हें दे दिया, लेकिन क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा से ज्यादा हो रहा है तो मामला पिछले 5 साल से कोर्ट में अटका पड़ा है।

उल्लेखनीय है कि गुर्जर समुदाय आरक्षण को लेकर पहले भी तीन बार आंदोलन कर चुका है। इस दौरान 72 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। साथ ही ट्रेने अवरुद्ध होने से लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

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