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18 घंटे के नवजात शिशु की ओपन हार्ट सर्जरी

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नई दिल्ली , मंगलवार, 31 मार्च 2015 (22:20 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित एक अस्पताल में एक नवजात शिशु के पैदा होने के 18 घंटों के भीतर उसकी ओपन हार्ट सर्जरी की गई। चिकित्सकों का दावा है कि यह देश में पहला मामला है जिसमें इतनी कम उम्र के किसी मरीज की हृदय संबंधी सर्जरी की गई है।
 
मयंक अग्रवाल के पैदा होने के तत्काल बाद पता चला कि वह ‘टीएपीवीसी’ नामक हृदय संबंधी समस्या से ग्रस्त है। इस समस्या के कारण रक्त फेफड़े से हृदय तक जाने के लिए सामान्य रास्ते का इस्तेमाल नहीं करता और यह शरीर से बाहर निकलता है।
 
फोर्टिस एस्कॉर्ट हृदय संस्थान के डॉक्टर केएस अय्यर ने कहा कि शरीर की मुख्य धमनी से रक्त के गुजरने के दौरान उसमें सामान्य मात्रा में ऑक्सीजन नहीं होता है। इस कारण बच्चे का सांस लेना मुश्किल हो जाता और वह नीला पड़ जाता है। इस स्थिति में सिर्फ एक ही विकल्प होता है कि गंभीर दुष्परिणामों से बचने के लिए तत्काल सर्जरी की जाए। 
 
मयंक का जन्म मथुरा में हुआ था और पैदा होने के तत्काल बाद पता चला कि सांस लेने में उसको दिक्कत है। स्थानीय चिकित्सकों ने परिवार को सलाह दी कि उसे दिल्ली के किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया जाए। इसके बाद परिवार के लोगों ने उसे फोर्टिस एक्सकॉट में भर्ती कराया। यहां के चिकित्सकों ने उसकी ओपन हार्ट सर्जरी करने का फैसला किया गया।
 
डॉक्टर अय्यर ने कहा कि मौजूदा समय में उपलब्ध उपचार संबंधी साधनों के हिसाब से हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों के साथ पैदा होने वाले बच्चों में 75 फीसदी एक साल तक जीवित रह सकते हैं और कुछ बच्चे इसके बाद भी सामान्य जीवन जी सकते हैं। 
 
बहरहाल, इसमें अहम बात है कि बीमारी का जल्द पता चले और तत्काल इसका उपचार हो। आंकड़ों के अनुसार हृदय संबंधी बीमारियों के कारण वैश्विक स्तर पर हर 1000 नवजात बच्चों में से 8-10 की मौत होती है। भारत में हर 1000 नवजात शिशुओं में से 6-8 की मौत इस तरह की बीमारी से होती है। (भाषा) 

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