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अब सफल नहीं होंगे पाक के नापाक इरादे

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, शनिवार, 22 अक्टूबर 2016 (17:20 IST)
नई दिल्ली। 1986 में बोफोर्स तोप के बाद अब सेना को एक कारगर तोप मिलने का रास्ता आखिर साफ हो ही गया। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद ने सालों से लंबित एम-777 होवित्जर तोपों के सौदे पर गुरुवार को मुहर लगा दी। इस फैसले से भारत की सैन्य शक्ति में बहुत इजाफा हो जाएगा।
रक्षा खरीद परिषद ने अमेरिका से 145 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों के सौदे को हरी झंडी दे ही दी। इसके साथ ही अच्छी तोप के मामले में न केवल सेना का तीस साल पुराना इंतज़ार खत्म हुआ, बल्कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली डीएसी ने 1986 में बोफोर्स के बाद पहली बार सेना के लिए बढ़िया तोप खरीदने का रास्ता भी साफ कर दिया। 
 
सेना में माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बाद इस तोप की जरूरत और ज़्यादा महसूस की जा रही थी, लेकिन बात होवित्जर की क़ीमत पर बात अटकी हुई थी। 7 हजार करोड़ की इस डील के तहत अमेरिका भारत को 145 नई तोपें देगा। 155 एम एम की हल्की होवित्जर सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। 
 
जहां तक इस तोप की विशेषताओं का सवाल है तो आपको जानकारी दे दें कि 4200 किलो से कम वजन और ऑप्टिकल फायर कंट्रोल वाली होवित्जर से तक़रीबन 40 किलोमीटर दूर स्थित टारगेट पर सटीक निशाना साधा जा सकता है। डिजिटल फायर कण्ट्रोल वाली यह तोप एक मिनट में 5 राउंड फायर करती है। 155 एमएम की हल्की होवित्जर को जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से ले जाया जा सकता है।

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