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भारत के साथ व्यापार असंतुलन को दूर कर रहा है चीन

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नई दिल्ली , मंगलवार, 16 सितम्बर 2014 (19:08 IST)
नई दिल्ली। चीन ने अपने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा से पहले मंगलवार को  आश्वासन दिया कि वह भारत के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भारत की चिंताओं का समाधान करने की कोशिश कर रहा है।
 
चीन ने विश्वास जताया कि देश में स्थापित होने वाले दो चीनी औद्योगिक पार्कों से द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने में मदद मिलेगी। भारत में चीन के नवनियुक्‍त राजदूत ली यूचेंग ने कहा कि उनका देश दोतरफा व्यापार बढ़ाने पर काम कर रहा है और इसके तहत चीन गुजरात और महाराष्ट्र में दो औद्योगिक पार्कों की स्थापना करेगा।
 
ली ने बताया, शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान हम भारत में औद्योगिक पार्कों की स्थापना का एक समझौता करेंगे। चीन गुजरात और महाराष्ट्र में दो औद्योगिक पार्क स्थापित करेगा और मुझे विश्वास है कि ये पार्क भारत में निवेश के लिए बड़ी संख्या में चीनी निवेशकों को आकर्षित करेंगे। 
 
शी की कल से शुरू हो रही भारत यात्रा से पहले उन्होंने कहा, यह चीन-भारत आर्थिक व व्यापारिक सहयोग की एक नई झलक होगी और इससे द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चीन और भारत के बीच व्यावहारिक सहयोग से हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय सुधार आया है।
 
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान चीनी निवेश से बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भारत की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जा सकता है। पिछले साल चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 66.4 अरब डॉलर रहा और भारत का व्यापार घाटा औसतन 35 अरब डॉलर रहा।
 
यूचेंग ने कहा, आर्थिक ढांचें में अंतर जैसे कुछ कारणों के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन की समस्या है। चीन की व्यापार नीति का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय भुगतान का मूल संतुलन हासिल करना है और वह जानबूझकर व्यापार अधिशेष नहीं रखता। हम व्यापार असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को समझते हैं। हम चीन के बाजार में भारतीय सामानों का स्वागत करते हैं और इसके लिए हमने व्यावहारिक प्रयास किए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि चीन ने व्यापार एवं निवेश मिशनों को भारत भेजा है, भारतीय कंपनियों को चीन की प्रदर्शनी में भागीदारी की सुविधा दी है और भारत से आयात का विस्तार किया है।
 
उन्होंने कहा कि चीन 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करता रहेगा। 100 अरब डॉलर का लक्ष्य किसी भी तरह से चीन-भारत व्यापार का अंतिम लक्ष्य नहीं है। 
 
उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि जब तक हम अपनी विकास रणनीतियों के बीच तालमेल बनाए रखेंगे, आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग बढ़ाते रहेंगे और बाजार को खोलते रहेंगे 200 अरब डॉलर या 300 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करना संभव होगा।
 
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत में चीन का निवेश 50 करोड़ डॉलर से कम है और यदि शी औद्योगिक पार्कों की स्थापना की घोषणा करते हैं तो यह निवेश बढ़कर कुछ अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। (भाषा) 

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