Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भारत ने पाकिस्तान से कहा- 26/11 मामले की सुनवाई हो तेज, 166 पीड़ित परिवार कर रहे न्‍याय का इंतजार

हमें फॉलो करें भारत ने पाकिस्तान से कहा- 26/11 मामले की सुनवाई हो तेज, 166 पीड़ित परिवार कर रहे न्‍याय का इंतजार
, शुक्रवार, 26 नवंबर 2021 (19:09 IST)
नई दिल्ली। भारत ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की 13वीं बरसी पर शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया और इस मामले में तेजी से सुनवाई करने पर जोर देते हुए कहा कि इस घटना के 166 पीड़ितों के परिवार सुनवाई पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाक राजनयिक को विदेश मंत्रालय ने तलब कर राजनयिक नोट (नोट वर्बल) सौंपा है, जिसमें पाकिस्तान से अपने भूभाग का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं करने की अनुमति देने की प्रतिबद्धता का पालन करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा, यह हमारी अपेक्षा है कि पाकिस्तान इस मामले में भारत और दुनिया की उस मांग को पूरा करेगा, जिसमें 26/11 के हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने की बात कही गई है। वहीं विदेश मंत्रालय द्वारा 26/11 हमले के बारे में जारी लघु वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ‘नई नीति एवं नए रास्तों’ से आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। उन्होंने हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
webdunia

दूसरी ओर विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, राजनयिक नोट में भारत ने मुंबई आतंकी हमला मामले की सुनवाई तेजी से करने पर जोर दिया और पाकिस्तान की सरकार से अपने नियंत्रण वाले भूभाग का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं करने की अनुमति देने की प्रतिबद्धता का पालन करने को कहा।

बयान में कहा गया है, यह बेहद दुख की बात है कि 26/11 हमले के 13 साल बाद भी 166 पीड़ितों के परिवार मामले की सुनवाई पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान इस हमले के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने को लेकर अधिक गंभीरता नहीं दिखा रहा है।

विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि इस आतंकी हमले की योजना पाकिस्तान में बनी थी और वहीं से इसे कार्यान्वित किया गया था। मंत्रालय ने कहा, हम एक बार फिर पाकिस्तान से दोहरा मापदंड छोड़ने और इस जघन्य हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान करते हैं।

बयान के अनुसार, यह केवल निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति पाकिस्तान की जवाबदेही का ही विषय नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी का भी विषय है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 26/11 के मुंबई हमले में जान गंवाने वालों और शहीदों के परिवारों को न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश जारी रखेगा।

इसमें कहा गया है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले की 13वीं बरसी पर सरकार और भारत के लोग इस हमले के पीड़ितों और लोगों की सुरक्षा करते हुए जान गंवाने वाले वीर सुरक्षाकर्मियों का स्मरण करते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26/11 मुंबई हमलों में मारे गए लोगों और शहीदों को शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश हमेशा उन सुरक्षाकर्मियों का आभारी रहेगा, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि आज 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर, अपने शौर्य और साहस से आतंक को विफल करने वाले वीर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को कृतज्ञ नमन करता हूं तथा राष्ट्र उनके त्याग और वीरता को सदैव स्मरण रखेगा।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उन्होंने कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी।

भारत इस जघन्य हमले में शामिल षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालता रहा है, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इस हमले में भारत एवं 14 अन्य देशों के नागरिकों को जान गंवानी पड़ी थी।

विदेश मंत्रालय ने कहा, इन देशों में भारतीय मिशन ने भारत एवं विदेशों के पीड़ितों के स्मरण में कार्यक्रम आयोजित किया है और दुनिया को आतंकवाद के वैश्विक खतरों के प्रति आगाह किया है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सामने आया कानपुर का 'गुटखेबाज', कहा- गलत है गुटखा खाना पर यह बात अच्छी नहीं लगी...