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पाक में घुसी भारतीय सेना, सीमांत क्षेत्रों में पलायन

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सुरेश डुग्गर

, गुरुवार, 29 सितम्बर 2016 (18:14 IST)
श्रीनगर। 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के दोनों हिस्सों को बांटने वाली एलओसी अर्थात लाइन आफ कंट्रोल को पार कर उन 7 लांचिंग पैडों को नेस्तनाबूद कर दिया जहां आतंकी पाक सेना के पास शरण लिए हुए थे। इस सर्जिकल हमले में 40 आतंकियों और 9 पाकिस्तानी फौजियों के मारे जाने की खबर है।
इस कार्रवाई के बाद जम्मू कश्मीर के सीमांत क्षेत्रों, एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर सीमावासियों ने अपना बोरिया बिस्तर बांध लिया है। कई इलाकों से पलायन की भी खबरें हैं। दरअसल सीमावासियों को आशंका है कि पाक सेना जवाबी कार्रवाई के तहत उनको निशाना बना सकती है। सीमांत क्षेत्रों में अफरातफरी का माहौल है। पंजाब में सीमा पर 10 किमी के इलाके में आने वाले सभी गांवों को खाली करवाने तथा स्कलों को बंद करने के सरकारी आदेशों के बाद अफरा तफरी का माहौल है। इस कार्रवाई के बाद जम्मू कश्मीर समेत वेस्टर्न इलाकों में सभी एयरबेसों पर वायुसेना को हमलों के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
 
सेना के बकौल, सेना की स्पेशल फोर्स के कमांडों की चार टुकड़ियों ने हाजीपीर दर्रे के आर-पार पुंछ और उड़ी-कुपवाड़ा के सामने आने वाले पाक कब्जे वाले कश्मीर के भिम्बर, हाट स्प्रिंग, केल और लिपा वैली के इलाकों में सर्जिकल हमला किया। अधिकारियों के मुताबिक, सेना के कमांडों ने रात 12.30 बजे के करीब इस ऑपरेशन को आरंभ करके सुबह 4.30 बजे तक समाप्त कर दिया था।
 
सेना कहती है कि चार एमआई-17 हेलीकॉप्टर से इन कमांडों को एलओसी पर चार इलाकों में उतारा गया जहां से वे पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में करीब 3 किमी भीतर तक घुसे और फिर उन्होंने उन लांचिंग पैडों पर हमला बोल दिया जो पाक सेना के कंट्रोल में थे और उनमें आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए तैयार रखा गया था। जानकारी के लिए जिन चार स्थानों पर भारतीय सेना ने हमला बोला वे लांचिंग पैड थे न कि आतंकी प्रशिक्षण शिविर।
 
रक्षाधिकारियों का कहना था कि पुख्ता सूचनाएं मिलने के कारण ही इस ऑपरेशन में कामयाबी मिली थी। वे कहते थे कि मारे गए कुल आतंकियों की संख्या तो वे पक्के तौर पर नहीं बता सकते पर कमाडों जो सबूत अपने साथ लाए हैं उनके मुताबिक मारे गए आतंकियों की संख्या 38 से 40 के बीच है, जबकि इस कार्रवाई में 2 पाकी फौजियों को भी मार गिराया गया जिन्होंने आतंकियों को बचाने की कोशिश की थी। सेना के मुताबिक, बीसियों अन्य आतंकी जख्मी भी हुए हैं जबकि पाकिस्तान ने इसे माना है कि भारतीय सेना की कार्रवाई में उसके दो जवान मारे गए हैं और 9 फौजी जख्मी हुए हैं।
 
उन्होंने बताया कि एलओसी के पार आतंकी लांचिंग पैडों और आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हमलों के लिए कमांडों कार्रवाई के साथ ही हवाई हमलों की भी तैयारी परसों उस समय की गई थी जब केंद्र सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी थी। इसलिए बुधवार को श्रीनगर के वायुसैनिक हवाई अड्डे पर सुखोई भी तैनात किए गए थे। अधिकारियों का कहना था कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा संभावित किसी बड़ी जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर भी सुखोई विमानों को तैयार रखा गया था तथा पूरी एलओसी पर सेना को बोफोर्स से हमलों के लिए तैयार रहने को कहा गया था।

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