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29 जुलाई को बैंकों में हड़ताल

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चेन्नई , बुधवार, 27 जुलाई 2016 (19:10 IST)
चेन्नई। सरकार और बैंक प्रतिनिधियों के बीच वार्ता विफल होने से यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने 29 जुलाई को बैंकों में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।
यूएफबीयू ने बताया कि इस हड़ताल में बैंक कर्मचारियों के 9 संगठनों एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ हिस्सा लेंगे। 
 
इसमें सार्वजनिक, निजी तथा विदेशी बैंकों की 80,000 शाखाओं के करीब 10 लाख कर्मचारी शामिल होंगे। यह हड़ताल बैंकिंग क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों के विरोध में किया जा रहा है।
 
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बुधवार को यहां कहा कि हड़ताल के कारण बैंक शाखाओं में चेक क्लीयरेंस, नकदी जमा और निकासी समेत अन्य सुविधाएं प्रभावित होंगी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों की आलोचना करते हुए कहा कि इसके प्रभाव प्रतिकूल होंगे। उन्होंने कहा कि बैंकों में सार्वजनिक पूंजी कम करने से निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। 
 
इसके अलावा सार्वजनिक बैंकों के विलय तथा निजी बैंकों के विस्तार का प्रस्ताव, बैंकों के लिए कॉर्पोरेट घरानों को लाइसेंस जारी करने, सार्वजनिक बैंकों में ऋण वसूली के अप्रभावी कदम उठाने और बकाएदारों को वसूली में रियायत देने का भी यूनियनों ने विरोध किया है।
 
वेंकटचलम ने कहा कि हमने सुधार के नाम पर सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के प्रयासों का विरोध किया। हमने सार्वजनिक बैंकों में निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त ने बातचीत में शामिल पक्षों से हड़ताल से बचने तथा इन मुद्दों का मान्य हल निकालने की सलाह दी है।
 
यूएफबीयू ने सभी 9 ट्रेड यूनियनों को सूचित किया कि यदि सरकार अपने निर्णय से पीछे हटती है तभी हड़ताल को रद्द करने पर विचार किया जा सकता है। उसने कहा कि सरकार के साथ हुई बातचीत बिना किसी समझौते के अनिर्णीत समाप्त हो गई। (वार्ता) 


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