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सावधान! रेलवे भर्ती बोर्ड की फर्जी वेबसाइट से ठगी

हमें फॉलो करें सावधान! रेलवे भर्ती बोर्ड की फर्जी वेबसाइट से ठगी

अरविंद शुक्ला

, गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014 (12:53 IST)
लखनऊ। रेलवे भर्ती बोर्ड, भोपाल की फर्जी वेबसाइट बनाकर अभ्यर्थियों से भर्ती आवेदन शुल्क के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने एक अक्टूबर को गिरफ्तार किया है। हालांकि www.rrbbpl.org नामक यह वेबसाइट अभी भी चल रही है, जबकि रेलवे भर्ती बोर्ड की असली वेबसाइट NIC पर है। हालांकि एसटीएफ को चाहिए कि वह सबसे पहले इस फर्जी वेबसाइट को बंद करवाए ताकि लोग ठगी से बच सकें। 


एसटीएफ को सूचना प्राप्त हो रही थी कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी ढंग से भर्ती की विज्ञप्ति निकालकर अभ्यर्थियों को भर्ती कराने के नाम पर अवैध वसूली करने वाला गिरोह सक्रिय है, जिसके द्वारा लाखों अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाकर भारी धनराशि अर्जित कर ली गई है। इस संबंध में थाना-सीसामउ, कानपुरनगर में मुअसं.-93/2014 धारा-420/467/468/471 भादवि व 66सी व डी आईटी एक्ट तथा भोपाल, मध्य प्रदेश थाना-स्टेट साइबर क्राइम में मुअसं-73/2014 धारा- 420/467/468/471 भादवि व 66सी व डी आईटी एक्ट के तहत पंजीकृत है। 
 
एसटीएफ की साइबर सेल को इंटरनेट सर्विलांस के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि रेलवे भर्ती बोर्ड, भोपाल की एक वेबसाइट फर्जी ढंग से तैयार कर ली गई है, जिस पर रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से विभिन्न पदों जैसे ट्रैकमैन, हेल्पर, खलासी और टिकट कलेक्टर पद पर भर्ती संबंधी विज्ञप्ति प्रसारित कर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन-पत्र प्राप्त कर उनसे भर्ती आवेदन शुल्क के नाम पर भारी धनराशि अर्जित की जा रही है।
 

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इस फर्जी वेबसाइट www.rrbbpl.org का डोमेन शिवेन्दु माधव द्वारा अपने डेबिट कार्ड से भुगतान कर पंजीकृत कराया गया था तथा इस डोमेन की होस्टिंग कनाडा के Iweb.com dsServer पर कराई गई थी ताकि भारत में उसके बारे में किसी को जानकारी न हो सके और डिजिटल साक्ष्य प्राप्त न हो सके। होस्टिंग सर्वर पर भी इस वेबसाइट के संचालकों का कोई नाम, पता, फोन नंबर अथवा ई-मेल आईडी नहीं था। वेबसाइट पर डेबिट कार्ड से भुगतान हेतु दी गई मुंबई के Payment gateway से संपर्क किया गया तथा इस वेबसाइट पर आवेदकों द्वारा किए जा रहे भुगतान की संपूर्ण जानकारी एकत्रित की गई। इस अभियुक्त द्वारा धनराशि लेने के लिए उसी पेमेंट गेटवे से अनुबंध किया गया था। 
 
इस गिरोह द्वारा कुल 11814 विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती हेतु गूगल व परीक्षा संबंधी अन्य वेबसाइटों पर प्रचार प्रसार किया गया। पता चला है कि इस षड्‍यंत्र को रचने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड शिवेन्दु माधव है। शिवेन्दु के थाना कृष्णानगर, लखनऊ क्षेत्र में किसी से मिलने आने वाला है, सूचना  पर एसटीएफ टीम द्वारा घेराबंदी की गई और एक अक्टूबर को फिनिक्स मॉल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
 
शिवेन्दु माधव से की गई प्रारंभिक पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि इस क्षेत्र में उसे काफी माहरत हासिल है और उसके द्वारा अपनी tejguru.com के नाम से एक सर्च इंजिन भी तैयार किया गया था, जो कि गूगल डॉट कॉम की तर्ज पर बनाया गया था किन्तु धन अभाव के कारण वह उसे विकसित नही कर पाया था। 
 
इसके तकनीकी ज्ञान के संबंध में वर्ष-2009 में aDigit मैगजीन ने भी समाचार प्रकाशित किया था। शिवेन्दु द्वारा विज्ञापन प्रसारण हेतु cozli.com के नाम से भी वेबपोर्टल तैयार किया गया है तथा उसने अपना ब्लॉग technozeast.com भी बनाया गया था, जिसको टैक्सॉस यूनिवर्सिटी, यूएसए के एक प्रोफेसर ने चार लाख रुपए में खरीद लिया। यह ब्लॉग विश्व में तकनीकी लेखन सामग्री की जानकारी के लिए प्रसिद्ध है।
 
गिरफतार अभियुक्त ने यह स्वीकार किया कि उसके द्वारा पैसा कमाने के उद्देश्य से यह फर्जीवाड़ा अपने वाराणसी निवासी लोगों के साथ मिलकर किया है। इसके अन्य साथियों के नाम से एचडीएफसी बैंक के 2 खातों एवं तीन फर्जी एनजीओ के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है, जिनके संबंध में छानबीन की जा रही है। शिवेन्दु मूल रूप से सीवान (बिहार) का रहने वाला है, लेकिन वाराणसी के पटेल में किराए से रहता है। उसके पास से 5 मोबाइल फोन मय सिम कार्ड,3 सिम कार्ड, 2 लेपटॉप, एक डोंगल मय कनेक्टर, एक हार्ड डिस्क 2 टेराबाइट मय कनेक्टर, 2  केंसिल चेक एचडीएफसी बैंक, एक चेक-बुक एचडीएफसी बैंक, रेलवे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड, भोपाल में भर्ती संबंधी विज्ञप्ति प्रपत्र बरामद हुआ है।

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