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बड़ी कामयाबी, मानवरहित लड़ाकू विमान का सफल परीक्षण

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नई दिल्ली , गुरुवार, 17 नवंबर 2016 (07:04 IST)
भारत के लड़ाकू क्षमता वाले देशी ड्रोन रुस्तम-2 ने बुधवार को अपना पहला सफल परीक्षण पूरा किया जिससे मानवरहित वायुयान के भारत के विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिला है।
डीआरडीओ ने तापस 201 (रस्तम-2) का सफल परीक्षण किया जो मध्य उंचाई पर लंबी अवधि का मानवरहित विमान है। यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है। इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भांति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।

रुस्तम 2 की खासियत :
* 30 हजार फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे उड़ान भर सकता है।
* यह भारतीय सेना के लिए टोही मिशन का काम करेगा।
* अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तरह यह लक्ष्य को भेदने की क्षमता भी रखता है।
* इस विमान 2500 प्रतिकिलोमीटर की रफ्तार से उड़कर 250 किलोमीटर तक मार कर सकता है।
 
इस परीक्षण बेंगलुरू से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से किया गया जो मानवरहित यानों एवं मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है। तापस 201 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बेंगलुरु की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है।
 
इसका वजन दो टन है और डीआरडीओ के युवा वैज्ञानिकों की एक समर्पित टीम ने इसका परीक्षण किया। इसमें सशस्त्र बलों के पायलटों ने सहयोग किया। (भाषा)


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