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भारतीय सेना के डॉक्टर ने माउंट एवरेस्ट पर जिंदगियां बचाईं

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नई दिल्ली , मंगलवार, 28 अप्रैल 2015 (21:41 IST)
 दिल्ली। नेपाल के विनाशकारी भूकंप से बुरी तरह प्रभावित माउंट एवरेस्ट आधार शिविर पर 70 पर्वतरोहियों के लिए भारतीय सेना के मेजर रितेश गोयल रक्षक के अवतार के रूप में सामने आए। सियाचिन में भी अपनी सेवा दे चुके गोयल माउंट एवरेस्ट के 30 सदस्यीय पर्वतारोहण दल के सदस्य थे।
28 वर्षीय इन डाक्टर ने करीब 70 पर्वतारोहियों, जिनमें कुछ के पैर-हाथ टूट गए थे, को न  केवल प्राथमिक उपचार प्रदान कर उनकी स्थिति यथावत बनाए रखी बल्कि उन्होंने सिर में गंभीर जख्म से पीड़ित आठ लोगों को करीब 14 घंटे तक संभाला, जिसके बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से ले जाया गया।
 
मेजर जनरल अजय शाह ने यहां सेना मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘भारी हिमस्खलन हो गया था और आधारशिविर (17,500 फुट ऊंचाई पर) भारी अफरातफरी थी क्योंकि हिमस्खलन आधारशिविर का आधा बड़ा हिस्सा निगल गया।’ 
 
सैन्य अधिकारी ने बताया कि सौभाग्य से हमारी टीम अपने शिविरों से समय पर बाहर निकल गई और प्रारंभिक प्रभाव से बच गई। हालांकि कुछ को मामूली जख्म आया। हमारे टेंट एवं अन्य चीजें बह गयी या बर्फ में दब गयी। लेकिन अन्य टीम उतनी सौभाग्यशाली नहीं थी, वे अपने टेंट में फंस गई और गंभीर रूप से घायल हुईं।
 
शाह ने बताया कि इस सैन्य टीम ने अपनी ज्यादातर चीजें किसी तरह निकालीं और गोयल ने एक छोटी चिकित्सा सहायता चौकी बनाई। उन्होंने कहा कि आधारशिविर में कुछ डॉक्टर थे, जो इस काम में शामिल हो गए। उन्होंने करीब 70 घायलों की स्थिति संभाली।
 
शाह ने कहा, ‘हमारे डॉक्टर (गोयल), जो ऊंचाई वाली चिकित्सा समस्या में विशेषज्ञ हैं, सिर में गंभीर जख्म वाले आठ लोगों को संभालने में कामयाब रहे।’ 
 
एक सरकारी बयान के अनुसार भारतीय सेना के पर्वतारोहण दल ने अब तक अन्य देशों के 19 पर्वतारोहियों को बचाया है। 25 अप्रैल को जब हिमस्खलन हुआ था, तब सेना का एवरेस्ट दल कुम्भु हिम प्रपात में था और जलवायु के अनुकूल ढालने तथा अन्य प्रशिक्षण कर रहा था। 
 
पर्वतरोहण दल के नेता आरएस जामवाल ने बचाव प्रयासों में समन्वय किया। बयान के अनुसार पर्वतरोहण नेपाल सरकार और एवरेस्ट पार्क अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद फिर शुरू होगा।
(भाषा)

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