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अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 1 मार्च से ऋषिकेश में

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हरिद्वार। उत्तराखंड के ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन, केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 29वें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव बुधवार से शुरू हो रहा है।             
इसमें भाग लेने के लिए प्रतिभागी, योग जिज्ञासु और देशी-विदेशी योग विद्यार्थी परमार्थ निकेतन में पहुंच रहे हैं। इस विश्वविख्यात कार्यक्रम की मेजबानी परमार्थ निकेतन सन् 1999 से निरंतर करता आ रहा है। इस महोत्सव में विश्व के 20 विभिन्न देशों के 70 से अधिक संत और योगाचार्य भी शामिल हो रहे हैं। 
 
इस बार इसमें शामिल होने के लिए विश्व के लगभग 100 देशों के 1200 से अधिक प्रतिभागी भी भाग ले रहे हैं। इस बार महोत्सव की विशिष्टता यह है कि दो मार्च को दोपहर बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।
         
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने महोत्सव में सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि आप सभी इस योग महापर्व में ध्यान और योग की उच्चस्तरीय विधाओं के साथ आत्मिक तथा आध्यात्मिक उन्नति के शिखर को प्राप्त कर पाएंगे। योग हमें स्वस्थ तन और प्रफुल्लित मन के साथ 'विश्व एक परिवार है' का मूल मंत्र सिखाता है।
       
इस महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा, योग आपके लिए  क्षण मात्र का अनुभव नहीं होता अपितु चारों पहर की अनुभूति हो जाता है। चीन से आई  डिफांग लिन झाऊ ने कहा, इतने सारे लोग एक ही उद्देश्य के लिए यहां पर एकत्रित हुए हैं इसलिए हमारे लिए यह आनंदोत्‍सव का क्षण है।
         
ईरान से आई  शर्मिनेह ने कहा, पूर्व में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का वीडियो देखकर मैं उत्साह से भरी हुई  थी। यहां आकर मैं अब आनंद से विभोर हूं। कनाडा की ऐन मैरी ने कहा, ऋषिकेश मेरे हृदय में बसता है, यहां पर दूसरी बार आकर मैं बेहद खुश हूं।
         
योगगुरु डॉ. आण्ड्रिया पेज ने कहा, यह महोत्सव प्राचीन भारतीय आदर्शों और पश्चिमी विकासवादी प्रयोगों का उत्कृष्ट संगम है। मेरे द्वारा कराए गए योग अभ्यासों का संबंध योगियों के गहन निरीक्षण से है तथा उनके योग अभ्यासों के विस्तार के लिए यौगिक विधा प्रदान करना मेरा उद्देश्य है। हम यहां पर योग के भविष्य की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
         
अमेरिका से आईं लौरा प्लम्ब ने कहा, अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव धरती पर स्वर्ग का अवतरण है। यहां पर दुनिया के हर कोने से प्रतिभागी आकर योग परिवार में सम्मिलित होते हैं। हम एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, मानो हम एक ही मां की संतान हैं। इसी एकत्व की भावना के साथ अपना उद्धार, औरो की सेवा एवं पारस्परिक प्रेम की प्रगाढ़ता के लिए स्वयं को ऊंचा उठाने की कला सीखते हैं। (वार्ता) 

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