Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भाई NSG कमांडो, बहन बनी आतंकी

हमें फॉलो करें भाई NSG कमांडो, बहन बनी आतंकी
, सोमवार, 11 जुलाई 2016 (19:40 IST)
एक मां पर क्या बीत रही होगी जिसकी एक संतान देश की सेवा में अपनी जान न्योछावर कर रही है वहीं दूसरी संतान आतंकी बनकर निर्दोषों का खून बहा रही है। यह  कहानी सामने आई है केरल से। यह दु:ख भरी कहानी है तिरुवनंतपुरम की एमके बिंदु की। 
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक गायब लोगों में एमके बिंदु की बेटी निमिशा भी शामिल है, जो धर्म परिवर्तन कर इस्लामिक स्टेट से जुड़ने वाले के साथ शादी कर लापता हो गई है। लापता युवती का भाई भारत की प्रतिष्ठित सुरक्षा सेवा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में तैनात है। बताया जा रहा है कि लापता युवती गर्भवती है। 
 
युवती की मां एमके बिंदू ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की और मामले की जांच कराने का अनुरोध किया। निमिशा ने शादी के बाद धर्म बदल लिया था। कासरगोड़ के पुलिस प्रमुख थॉम्सन जोस बताया कि इस सिलसिले में दो मामले दर्ज किए गए हैं। आने वाले दिनों में और मामले दर्ज किए जाएंगे।
 
पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता रमेश चेनिताला कहा कि सभी लापता लोग आईएस से जुड़े नहीं हैं। सिर्फ उनके गुमशुदा होने का मतलब यह नहीं निकलता है कि सभी आईएस में शामिल हो गए हैं। खबरों के मुताबिक, लापता लोगों में से अधिकांश अब्दुल राशिद के संपर्क में थे। पेशे से इंजीनियर राशिद मई से लापता है। 
 
दूसरा लापता एजाज अहमद चीन से डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुका है और हाल तक कोझीकोड के समीप एक अस्पताल में काम कर रहा था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि महिलाओं के साथ लोगों का लापता होना एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है।
 
 
आम लड़कियों की तरह थी : मां बिंदु कहती हैं, 'मेरी बेटी निमिशा दूसरी लड़कियों की तरह ही थी। वह टीवी देखती थी। जाने किस बात से उसका ध्यान भटकाया। मेरे दोनों बच्चे देशभक्त और धार्मिक थे। बेटा शुरू से सेना में भर्ती होना चाहता था, जबकि बेटी ने अपनी पंसद से मेडिकल करियर चुना। वे बताती हैं कि बीते नवंबर महीने में उन्हें कुछ आभास हुआ, क्योंकि उनकी बेटी अब फोन नहीं उठाती थी।
 
  
 
बिंदू आगे कहती हैं कि 'मैं जब बेटी से मिलने डेंटल कॉलेज पहुंची तो उसने मुझे बताया  कि वह शादी करने के लिए मुस्लि‍म बन चुकी है। यह मेरे लिए शॉक जैसा था निमिशा  ने 30 साल के बैक्सि‍न विनसेंट से शादी की। वह एमबीए ग्रेजुएट था। उसने भी अपना  धर्म बदला और इस्लाम कबूल कर एजा बन गया।
 
बंगाल में भर्ती अभियान चला रहा है आईएसआईएस :  आईएसआईएस और जेएमबी जैसे आतंकवादी समूहों के आका पश्चिम बंगाल के सीमाई जिलों में लिए बेरोजगार युवकों खासकर मुस्लिम समुदाय के युवकों को अपने चंगुल में फंसाकर आतंकवादी समूहों में भर्ती कर रहे हैं।
 
जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) बेरोजगार युवकों को निशाना बना रहा है और 
 
आईएसआईएस भी यही तरीका आजमा रहा है। पश्चिम बंगाल में सीआईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि हाल में गिरफ्तार किए गए 25 वर्षीय मोहम्मद मुसीरुद्दीन ने राज्य में खासतौर पर वर्धमान, मुर्शिदाबाद और बीरभूम सहित बांग्लादेश की सीमा से सटे जिलों में आतंकवादी समूह की मौजूदगी का खुलासा किया है।
 
अधिकारी ने 2014 में खगरागढ़ में हुए विस्फोट का हवाला देते हुए बताया कि समूह ने शहर के कई हिस्सों में अपना शिकंजा फैलाया है, जो राज्य में इन आतंकवादी समूहों के  ठिकानों की मौजूदगी का ठोस सबूत है। वर्धमान जिला आतंक के मानचित्र पर उस वक्त आया जब खगरागढ़ में एक किराए के  मकान में विस्फोटक बनाने के दौरान दो संदिग्ध जेएमबी आतंकवादियों की मौत हो गई  थी।
 
हालांकि, एनआईए ने खगरागढ़ विस्फोट के संबंध में अपने पूरक आरोपपत्र में दावा  किया था कि जेएमबी पश्चिम बंगाल के सीमाई जिलों से युवकों को भर्ती कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि आतंकी समूहों का मुख्य निशाना बेरोजगार युवक होते हैं। 
 
जेएमबी ऐसा कर रहा है और आईएसआईएस भी यही तरीका अपना रहा है और  मुसीरुद्दीन से पूछताछ के दौरान एक बार फिर इस बात की पुष्टि हुई है, जो हाल में हुई  ऐसी ही भर्ती का हिस्सा था।  उन्होंने बताया कि इनके आका हैं जो एक से दो जिलों का निरीक्षण करते हैं और 16-30 आयु वर्ग के शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवकों खासकर मुस्लिम समुदाय के युवकों पर नजर बनाए रखते हैं, जिनमें लड़कियां भी शामिल हैं।
 
 
अधिकारी ने इसी मार्च में एनआईए द्वारा दुर्गापुर से 19 वर्षीय एक छात्र की गिरफ्तारी  का हवाला देते हुए बताया कि पहली ही मुलाकात से उन्हें बरगलाना शुरू कर दिया जाता है जो इन युवकों को समूह में शामिल होने में मदद करता है और फिर यहां के  बाद वे सीमाई जिलों में उनके प्रशिक्षण शिविरों की ओर रुख करते हैं।  
 
फरवरी में उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किए गए अग्दुस सामी कासमी से पूछताछ के दौरान हुगली के धनियाखाली के रहने वाले आशिक अहमद उर्फ राजा का पता चला था। आशिक के पैतृक घर से कुछ दस्तावेजों के जब्त करने वाले एनआईए के अधिकारी ने  बताया कि शुरू में वे आशिक को पकड़ने से हिचक रहे थे क्योंकि वह एक किशोर था  और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। (एजेंसियां)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर में कोर्ट और थाना जलाया, 25 हथियार लूटे