नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केरल में मछुआरों की हत्या के आरोपी इतालवी नौसैनिक मेसिमिलानो लातोरे को तब तक अपने देश में रहने की बुधवार को इजाजत दे दी, जब तक मुकदमा चलाने के अधिकार क्षेत्र को लेकर अंतरराष्ट्रीय पंचाट का फैसला न आ जाए।
न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से लातोरे की याचिका का विरोध नहीं किए जाने के बाद यह आदेश दिया।
पिछली सुनवाई को भी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) पीएस नरसिम्हा ने खंडपीठ को अवगत कराया था कि भारत सरकार को लातोरे को भी उसके साथी नौसैनिक सल्वातोर गिरोने की तरह ही जमानत शर्त उपलब्ध कराने पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर करते हुए एएसजी से कहा कि वह केंद्र का स्पष्ट पक्ष उसके समक्ष रखे।
लातोरे की ओर से उन्हें इटली में ही रहने देने का अनुरोध न्यायालय से किया गया था। इतालवी नौसैनिक का कहना था कि उसके साथी सल्वातोर को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का निपटारा होने तक इटली में रहने की इजाज़त दी गई है। उसे भी यह अनुमति दे दी जाए।
लातोरे के इटली में रहने की अवधि 30 सितंबर को खत्म हो रही थी। सल्वातोर उन दो इतालवी मरीनों में से एक हैं जो पोत 'एनरिका लेक्सी' पर सवार थे और उन पर वर्ष 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप हैं। लातोरे स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर इटली चले गए थे और इससे पहले भी कई बार इटली में रहने की अवधि बढ़वा चुके हैं। (वार्ता)