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सीमा पर तनातनी, भारत ने तैनात कीं तोपें

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सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 13 जून 2017 (18:31 IST)
जम्मू। कश्मीर सीमा के अतिरिक्त पुंछ व राजौरी सेक्टरों में पाक सेना द्वारा लगातार मोर्टार और हल्के तोपखानों से गोले बरसाए जाने के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की खातिर अपनी तोपखाना रेजीमेंटों को उन इलाकों में तैनात कर दिया है, जहां पाक गोलाबारी अब भयंकर तबाही मचाने लगी है। राजौरी, पुंछ सेक्टर तथा कश्मीर सीमा के कई सेक्टरों में अतिरिक्त कुमुक की तैनाती के बाद सीमावासियों में जबरदस्त दहशत का माहौल पैदा होने का परिणाम है कि उन्होंने पलायन की खातिर बोरिया-बिस्तर बांध लिया है।
 
सीमा पर जारी 13 सालों के सीजफायर के अरसे में यह पहला मौका है कि भारतीय सेना को अपने तोपखानों को फिर से एलओसी पर इसलिए तैनात करना पड़ा है क्योंकि पाक सेना घुसपैठ करवाने की खातिर भयंकर तबाही मचाने पर उतारू है। पिछले सात दिनों से वह राजैरी के नौशहरा, पुंछ के कृष्णा घाटी तथा कश्मीर के नौगाम इलाके में मोर्टार तथा हल्के तोपखानों से गोले बरसा रही है, जिस कारण भारतीय सेना को भी क्षति उठानी पड़ी है। मिलने वाले समाचार कहते हैं कि भारतीय जवानों ने ताबड़तोड़ जवाबी कार्रवाई करते हुए पाक गोलाबारी का जवाब दिया है जिससे उस पार भयानक क्षति होने की खबरें हैं।
 
रक्षा प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि तोपखानों को एलओसी पर तैनात किया गया है पर मिलने वाले समाचार और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से इन इलाकों में भारतीय सेना के तोपखाना रेजिमेंटों को इन सेक्टरों के उन क्षेत्रों की ओर रवाना होते देखा गया था,  जहां पाक सेना गोले बरसा रही है।
 
रक्षा सूत्रों ने इसकी पुष्टि जरूर की थी कि पाक सेना की हरकतों का मुंह तोड़ जवाब देने की खातिर एलओसी के उन इलाकों में अतिरिक्त हजारों जवान पिछले कुछ दिनों में तैनात किए गए हैं जहां से घुसपैठ होने का खतरा बना हुआ है।
 
पाक गोलाबारी का ही परिणाम है कि राजौरी, पुंछ तथा नौगाम सेक्टरों के कई इलाकों में दहशत का माहौल है। 13 सालों से सीजफायर की छांव में खुशहाल जीवन व्यतीत करने वाले सीमावासियों को लगने लगा है कि एक बार फिर से उन्हें बेघर होना पड़ेगा। बताया जाता है कि उन्होंने पलायन की खातिर बोरिया-बिस्तर बांध लिया है। एक सूचना के मुताबिक, भारतीय सेना ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने की खातिर तैयार रहने को कहा है।
 
मिलने वाली खबरें कहती हैं कि झंगड़ और नौशहरा कस्बों में सबसे अधिक दहशत का माहौल है। पुंछ में भी ऐसा ही माहौल इसलिए है क्योंकि सेना आप कह रही है कि पुंछ कस्बे के सामने वाले पाक कब्जे वाले कश्मीर के इलाके में पाक सेना आक्रामक मूड में है। याद रहे कि पुंछ कस्बा पूरी तरह से एलओसी से सटा हुआ है और पाक पोस्टों से फैंके जाना वाला पत्थर भी कस्बे में गिरता है।
 
नतीजतन 13 साल के अंतराल के बाद झंगड़ और नौशहरा कस्बों में गूंजी गोलों की आवाज ने लोगों को इस हद तक दहशतजदा कर दिया कि पिछले कई दिनों से इन कस्बों में चहल पहल गुम है। यह उन लोगों के लिए एक खतरे के संकेत के रूप में है जो एलओसी के विभिन्न सेक्टरों के उन इलाकों में रहते हैं जो पाक गोलाबारी की पूरी रेंज में हैं। असल में यह लोग 13 साल पहले सीजफायर की घोषणा के बाद खुशनुमा माहौल का लाभ उठाते हुए अपने घरों को लौट गए थे।

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