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जीतन राम मांझी के विद्रोह भरे स्वर

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पटना , सोमवार, 24 नवंबर 2014 (00:13 IST)
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के विवादित बयानों पर जदयू नेतृत्व के उन्हें संयमित भाषा का उपयोग करने की नसीहत के बीच मांझी ने रविवार को कहा कि वे जो चाहते हैं, वह करते रहेंगे और उन्हें किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।
 
पटना में आज बिहार राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति चिकित्सक एवं ‘मेडिकोस मीट 2014’ को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, जीतन राम मांझी घबराने वाला है, नहीं घबराएगा, टूट जाएगा, फूट जाएगा लेकिन झुकेगा नहीं। यह कह देना चाहते हैं बहुत लोगों को।
 
उन्होंने कहा, जीतन राम मांझी काबिलियत में कमजोर नहीं है, इसलिए उनकी बातों को हम नहीं मानने वाले हैं। हम जो सोच रहे हैं और जो कर रहे हैं वह कहते और करते रहेंगे इसलिए कि हमारी भाषा को यहां के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के भाई और अति पिछड़ी जाति के भाई समझ रहे हैं। हमारा उद्देश्य तो इन्हें ही समझाना है। दूसरे लोगों को समझाने की क्या जरूरत है। 
 
मांझी ने कहा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों ने पहले शिक्षा की चाहत पैदा नहीं की जिस कारण वे पिछड़ गए। धर्म की आड़ लेकर भी हमें शिक्षा से दूर रखने का प्रयास किया गया, मगर अब हम शिक्षा में पीछे रहने वाले नहीं हैं। 
 
उन्होंने कहा, व्यवस्था में सबको बांटकर रखा गया है। अब जरूरत है कि गंगा में जाति को प्रवाहित कर हम सब एक हो जाएं। एक होकर रहेंगे तो हमें भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारा विकास तेजी से होगा। राजनीतिक शक्ति प्राप्त करें, सतर्क रहें आगे बढ़ें। 
 
मांझी ने कहा, हम लोगों को पता है तो बहुत खींचकर अगर जाएंगे तो अगले वर्ष नवंबर तक जाएंगे। उन्होंने सरकारी कार्यशैली पर बेबाक टिप्पणी करते हुए कहा, वे यह कह दें कि ऐसा कर देंगे पर हो सकता है कि कहीं न कहीं धोखा हो जाए। धोखा इसलिए कि हम यहां से किसी संबंध में कुछ कहकर जाएं और उससे संबंधित फाइल उन तक पहुंची ही नहीं। क्या भाई तो फाइल को शार्ट सर्किट लग गया। 
 
मांझी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, शार्ट सर्किट आप लोगों ने देखा है जितने भी ‘स्कैंडल’ की फाइल है सभी में शार्ट सर्किट हो जाता है। राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति चिकित्सक एवं मेडिकोस मीट में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर का नाम लेते हुए हंसते हुए मांझी ने कहा कि वे नहीं जानते पर क्या उन्हीं की जाति के हैं।
 
इससे पूर्व गया में बातचीत करते हुए मांझी ने एक बार फिर दोहराया, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग, राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत पर राज्य सरकार द्वारा पूर्व में खर्च किया गया एक हजार करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति सहित अन्य मांगों को अगर केंद्र सरकार पूरा कर देती है तो वे मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) जिंदाबाद बोलेंगे। 
 
उन्होंने केंद्र पर बिहार के छह लाख इंदिरा आवास के कोटे को घटाकर ढाई लाख करने, बीआरजीएफ और मनरेगा की राशि कम कर दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गंगा नदी पर बैराज बनाए जाने की योजना से यह नदी बिहार में सूख जाएगी।
 
मांझी ने गंगा नदी पर बैराज नहीं बनाए जाने का केंद्र से अनुरोध कर मांग की कि अगर संभव हो तो चुनाडगढ़ से मोकामा टाल तक गंगा के पानी के इस्तेमाल की अनुमति दे दी जाए ताकि दक्षिणी बिहार सिंचित हो सके। (भाषा)

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