Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

होटल ताज में लश्कर के निशाने पर थे रक्षा वैज्ञानिक : हेडली

हमें फॉलो करें होटल ताज में लश्कर के निशाने पर थे रक्षा वैज्ञानिक : हेडली
मुंबई , मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016 (12:09 IST)
मुंबई। मुंबई की एक अदालत के समक्ष आज लगातार दूसरे दिन गवाही देते हुए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने यहां ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों पर हमला बोलने की योजना बनाई थी। हेडली ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई ने उसे कहा था कि वह उनके लिए जासूसी करने के लिए भारतीय सैन्यकर्मियों को नियुक्त करे।
 
हेडली ने कहा कि भारत में आतंकी हमलों के लिए मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार है और यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी आदेश इसके शीर्ष कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी की ओर से आए।
 
खुलासे जारी रखते हुए हेडली ने कहा, 'मैं वर्ष 2006 की शुरुआत में आईएसआई के मेजर इकबाल से लाहौर में मिला था। उन्होंने मुझे भारत की खुफिया सैन्य जानकारी एकत्र करने के लिए कहा था। उन्होंने मुझे जासूसी के लिए भारतीय सेना से भी किसी को नियुक्त करने के लिए कहा था। मैंने मेजर इकबाल से कहा था, मैं उनके कहे मुताबिक काम करूंगा।'
 
हेडली ने अदालत को बताया, 'मैं इस अदालत को यह नहीं बता सकता कि लश्कर-ए-तैयबा के किस व्यक्ति विशेष ने भारत में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के निर्देश दिए। पूरा समूह ही जिम्मेदार था। हालांकि हम यह कयास लगा सकते हैं कि चूंकि लश्कर के अभियानों का प्रमुख जकी-उर-रहमान था, ऐसे में तार्किक तौर पर सभी आदेश उसी की ओर से आए होंगे।'
 
हेडली ने यह भी कहा, 'वर्ष 2007 के नवंबर और दिसंबर में लश्कर-ए-तैयबा ने मुजफ्फराबाद में एक बैठक की थी, जिसमें साजिद मीर और किसी अबु काहसा ने शिरकत की था। इस बैठक में यह तय हुआ था कि आतंकी हमले मुंबई पर बोले जाएंगे।
 
हेडली ने बताया कि मुंबई के ताज होटल की रेकी का काम मुझे सौंपा गया था। उनके (साजिद और कहासा) पास जानकारी थी कि ताज होटल के सम्मेलन कक्ष में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की बैठक होने वाली है। वे लोग उसी समय हमले की योजना बनाना चाहते थे। उन लोगों ने ताज होटल का एक डमी भी बनाया था। हालांकि वैज्ञानिकों की बैठक रद्द हो गई थी।
 
हेडली ने कहा कि नवंबर 2007 से पहले, यह तय नहीं था कि भारत में आतंकी कृत्यों को किस स्थान पर अंजाम दिया जाएगा।
 
इस मामले में सरकारी गवाह बन चुके 55 वर्षीय हेडली ने आगे कहा कि उसने कि लश्कर के नेताओं हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान के साथ इस बात पर चर्चा की थी कि लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने और इसे प्रतिबंधित करने के अमेरिकी सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती देना अच्छा रहेगा।
 
किसी अज्ञात स्थान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही दे रहे हेडली ने कहा कि हाफिज ने कहा कि यह अच्छा ख्याल है लेकिन उन्होंने इस पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा। जकी को लगा कि यह एक लंबी प्रक्रिया होगी और पाकिस्तानी सरकार की आईएसआई जैसी कई एजेंसियों को इसमें शामिल होना पड़ेगा।
 
मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के चलते अमेरिका में 35 साल कारावास की सजा काट रहे हेडली ने यह भी कहा कि उसकी पत्नी ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके संबंधों की शिकायत पुलिस में कर दी थी।
 
हेडली ने कहा कि दिसंबर 2007 में, मेरी पत्नी फैजा ने लाहौर की रेसकोर्स पुलिस के पास यह शिकायत दर्ज कराई थी कि मैंने उससे धन ठगा है। जनवरी 2008 में, उसने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास में शिकायत दर्ज कराई कि मैं आतंकी गतिविधियों में लिप्त हूं और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ हूं। बाद में जब मैंने उससे इस शिकायत के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि ऐसा लगता है कि अमेरिकी अधिकारियों को उस पर यकीन हो गया है।
 
हेडली ने सोमवार को अपनी पहली गवाही में अदालत को बताया था कि पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में 26/11 के हमलों से पहले दो बार हमले करने की कोशिश की थी लेकिन दोनों बार प्रयास विफल रहे। 26/11 के हमलों में 166 लोग मारे गए थे। (भाषा)
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi