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लश्कर के निशाने पर था मुंबई हवाई अड्डा: हेडली

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मुंबई , शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016 (09:57 IST)
मुंबई। आतंकवादी डेविड हेडली ने शुक्रवार को यहां विशेष अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने बयान में चौथे दिन यह बताया कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा मुंबई के हवाई अड्डे को निशाना बनाना चाहता था।       

हेडली ने कहा कि उसने मुंबई में वर्ली, गेट वे ऑफ इंडिया और कफ परेड की रेकी की थी लेकिन आतंकवादियों को मुंबई घुसने के लिए कफ परेड को चुना गया था।
 
उसने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे पर हमला नहीं होने से लश्कर के आतंकी नाराज थे। मेजर इकबाल ने भी रेकी के बाद भी हवाई अड्डे पर हमला नहीं होने पर नाखुशी जताई थी। 

हेडली ने अदालत को बताया कि लश्कर ए तैयबा के नेता जकी उर रहमान लखवी ने इस बात पर जोर दिया कि 26/11 हमलों की निगरानी उचित तरीके से की जानी चाहिए क्योंकि यह उन सभी बम विस्फोटों का बदला लेने का मौका है जो अतीत में पाकिस्तान में किए गए हैं। 
 
हेडली ने बताया कि उसने 10 हमलावरों की पहचान छुपाने के लिए सिद्धिविनायक मंदिर से लाल और पीले रंग के पवित्र धागे खरीदे थे ताकि लोग उन्हें हिंदू ही समझें।
 
उसने बताया कि लश्कर ने चबाड हाउस का चयन इसलिए किया क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्थल था जहां यहूदी और इसराइली लोग रह रहे थे।

हेडली ने अपने बयान में कहा कि मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हमला करने के बाद आतंकवादियों ने दोबारा हमला करने की योजना बनाई थी। उसने कहा कि सिद्धि विनायक मंदिर और नौसेना के एअरबेस का वीडियो बना कर भेजा था लेकिन वह वीडियो साजिद मीर और अब्दुर रहमान पाशा को पसंद नहीं आया था।
         
उसने लश्कर के आकाओं को सूचित किया था कि एअर बेस और मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है। यहां हमला नहीं किया जा सकता। यहां हमला करने के लिए और 10 आतंकवादी भेजने होंगे।
 
उसने बताया कि वह सिद्धि विनायक मंदिर गया और वहां की उसने रेकी की थी और वहां से लाल धागा खरीद कर पाकिस्तानी आतंकवादियों को पहनने के लिए दिया ताकि वे हिंदू जैसे दिखें और किसी को उन पर शक नहीं हो सके।
 
उसने बताया कि लश्कर ने उसे मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र का वीडियो बनाने और वहां के अधिकारी से मिलने का आदेश दिया था।
 

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