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महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, शिवसेना को दूसरा स्थान

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, शिवसेना को दूसरा स्थान
मुंबई , रविवार, 19 अक्टूबर 2014 (17:11 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा बहुमत के आंकड़े से पीछे है हालांकि वह राज्य में सबसे बड़ी पार्टी  के रूप में उभर रही है, वहीं शिवसेना को दूसरा स्थान मिल रहा है। 
राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के बीच सरकार के गठन को लेकर दोनों पूर्व सहयोगियों में मेलमिलाप  के स्वर उभर रहे हैं हालांकि वे इस इंतजार में हैं कि इसके लिए दोनों में से पहल कौन करता है।
 
पिछले 25 वर्षों में पहली बार शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ रही भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी दलों  से काफी आगे है। उसने अब तक 16 सीटों पर जीत दर्ज की है और 106 पर आगे चल रही है।  हालांकि वह 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत के 145 के जादुई आंकड़े से पीछे रहेगी।
 
चुनाव में शिवसेना दूसरे स्थान पर है। उसके प्रत्याशी 12 सीटों पर जीत दर्ज कर चुके हैं और 43  सीटों पर आगे चल रहे हैं। महाराष्ट्र में 15 वर्ष तक राकांपा के साथ मिलकर शासन करने वाली कांग्रेस को इस चुनाव में बड़ा  झटका लगा है और वह अपने पूर्व सहयोगी से पीछे चल रही है।
 
कांग्रेस को अब तक 10 सीटों पर जीत हासिल हो चुकी है और वह 31 सीटों पर आगे चल रही है।  राकांपा 8 सीटें जीत चुकी है और 37 सीटों पर आगे है। अब तक 52 सीटों के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। माकपा, मनसे, बहुजन विकास अघाड़ी और  एआईएमआईएम को 1-1 सीट पर जीत हासिल हुई है जबकि निर्दलीय के खाते में 2 सीटें गई हैं। 
 
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है और पार्टी के प्रचार समिति के प्रमुख  तथा पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे कुदाल सीट पर शिवसेना उम्मीदवार वैभव नाइक से पराजित हो  गए।
 
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, राकांपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार क्रमश: दक्षिण कराद  और बारामती सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन पाटिल इंडापुर सीट  पर पीछे चल रहे हैं। पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
 
ठाकरे ने कहा कि लोगों ने हमें विपक्ष में रहने की भूमिका निभाने का जनादेश दिया है और हम  रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। महाराष्ट्र में भाजपा के बहुमत से पीछे रहने और सबसे बड़े  दल के रूप में उभरने के बीच कुछ अन्य नेताओं समेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र फडनवीस ने  कहा कि प्रदेश में उनकी पार्टी का ही मुख्यमंत्री होगा।
 
मुंबई से भाजपा सांसद किरीट सौमैया ने कहा कि लोगों ने हमें जिम्मेदारी दी है और हम इस  जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करेंगे। सरकार हमारे नेतृत्व में बनेगी।  
 
ऐसी अटकलें हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद में भाजपा को समर्थन देने के लिए  शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग कर सकती है हालांकि चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में  उभरी है। दोनों पूर्व सहयोगी अपने गिले-शिकवे दूर करने को तैयार दिख रहे हैं।
 
शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि एक बार वे महाराष्ट्र के हित में स्थिर सरकार का प्रस्ताव  पेश करते हैं तब शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इस बारे में सभी आयामों पर विचार करके निर्णय  करेंगे। देसाई ने कहा कि हमारे मन में कोई कड़वाहट नहीं है। अगर कोई प्रस्ताव है तब हम विचार  करेंगे। उन्होंने कहा कि इस चुनाव से पहले तक हम साथ-साथ रहे हैं।
 
इस विषय पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि शिवसेना कभी भी हमारी  राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं रही। हमने उनके खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा। हमने प्रचार के दौरान कभी  उनकी आलोचना नहीं की। इस बारे में विरोधाभासी विचार सामने आ रहे हैं कि क्या भाजपा सरकार  बनाने के लिए शिवसेना से संपर्क करेगी?
 
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा, शिवसेना के साथ सुलह करेगी? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा  कि प्रधानमंत्री ने प्रचार के दौरान कभी शिवसेना की आलोचना नहीं की। 
 
बहरहाल, भाजपा के चुनाव पर्यवेक्षक ओम माथुर ने कहा कि हम बड़ी पार्टी हैं, हम क्यों उन्हें फोन  करें, हमसे संपर्क किया जाए। वहीं फड़नवीस ने कहा कि रविवार शाम दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय  संसदीय बोर्ड की बैठक में सरकार के गठन के बारे में निर्णय होगा। (भाषा)

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