सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया पर एक लेख से फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इससे पहले भी वे कई मुद्दों पर विवादित टिप्पणियां देते रहे हैं। इस बार काटजू ने धर्म और अंधविश्वास पर अपनी राय रखी है। काटजू की पोस्ट को 3600 से अधिक बार शेयर किया गया है। काटजू ने फेसबुक पेज पर लिखा है कि धर्मनिरपेक्षता को दोतरफ़ा होना चाहिए, एकतरफा नहीं।
काटजू ने लिखा कि कई मुसलमानों के साथ यह परेशानी है कि जब मैं कट्टर हिन्दुओं की बुराई करता हूं तो वे मेरा समर्थन कर तालिया बजाते हैं, लेकिन जब मैं मुस्लिम रूढ़िवादियों की आलोचना करता हूं तो वे मुझसे गुस्सा हो जाते हैं। जब मैं कहता हूं कि बीफ खाने में कोई ग़लती नहीं है और दलितों को नीचा समझकर उनके साथ बुरा व्यवहार करना ग़लत है तो वे मेरा समर्थन करते हैं, लेकिन जब मैं कहता हूं कि बुर्क़ा पहनने और मौखिक रूप से तलाक देने की प्रथा दकियानूसी है तो वे मुझे पर चिल्लाते हैं। काटजू की इस पोस्ट पर राय दी है। कई लोगों ने उन्हें नास्तिक बताया है तो कई लोगों ने उन पर कट्टर हिन्दू होने की बात कही है।