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पुरस्कार लौटाने से व्यवस्था दुरस्त नहीं होगी :मिल्खा सिंह

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चंडीगढ़ , बुधवार, 25 नवंबर 2015 (09:52 IST)
चंडीगढ़। प्रसिद्ध एथलीट मिल्खा सिंह ने असहनशीलता के मुद्दे को लेकर पुरस्कार लौटाने के चलन पर शुरू हुई बहस में शामिल होते हुए मंगलवार को कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में विरोध जताने के अन्य तरीके हैं और पुरस्कार लौटाने से व्यवस्था सही नहीं होगी।

 
मिल्खा ने कहा, ‘पुरस्कार लौटाने के पीछे सोच क्या है? ऐसा करने से किसी का क्या मकसद हल होगा?’ उन्होंने कहा, ‘अगर आज मैं खड़ा होकर कहूं कि मैं अपना पद्म श्री सम्मान लौटाना चाहता हूं तो मेरा बेटा भी इसी तरह की बात करेगा, लेकिन इससे क्या मदद मिलेगी और व्यवस्था कैसे सही होगी, जिसके बारे में वे ऐसा महसूस करते हैं।’ मिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा सिंह प्रसिद्ध गोल्फर हैं।
 
मिल्खा ने कहा, ‘अगर आपको किसी चीज पर अपने विचार व्यक्त करने हैं तो पुरस्कार लौटाना बिल्कुल भी जवाब नहीं है। सरकार ने आपकी उपलब्धियों को देखते हुए पुरस्कार दिया है। अगर आप इसे लौटाते हैं तो सरकार पर कैसे असर पड़ेगा।’

देश में असहनशीलता के नाम पर कई लेखकों, कलाकारों और इतिहासकारों द्वारा पिछले कुछ दिनों में अपने पुरस्कार लौटाए जाने के बाद हाल ही में अभिनेता आमिर खान की ओर से भी देश के माहौल पर बयान आने पर 85 वर्षीय सिंह ने कहा, ‘मैंने उनका बयान पढ़ा। मुझे लगता है कि यह कुछ ज्यादा ही हो गया।’ 
 
1958 और 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मिल्खा सिंह ने कहा, ‘हमारी मुख्य चिंता होनी चाहिए कि हम सब अपने देश को मिलकर कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।’ ‘फ्लाइंग सिख’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह जहां भी जाते हैं, भारत की तरफ से दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि मोदी 
चाहते हैं कि भारत एक मजबूत आर्थिक महाशक्ति बने। (भाषा) 

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