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मोदी का सवाल, कालेधन का रास्ता बंद होना चाहिए या भारत बंद होना चाहिए

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कुशीनगर , रविवार, 27 नवंबर 2016 (15:23 IST)
कुशीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के खिलाफ भारत बंद का आहवान करने वाले विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए आज देशवासियों से पूछा कि वे भ्रष्टाचार का रास्ता बंद करना चाहते हैं, या फिर भारत बंद की राह पकड़ने के इच्छुक हैं।
 
मोदी ने देश के कारोबार को ‘कैशलेस’ बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिये देशवासियों से मदद भी मांगी।
 
प्रधानमंत्री ने परिवर्तन रैली को सम्बोधित करते हुए नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों के रख का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार के सारे रास्ते बंद करने में लगी है, दूसरी तरफ वे भारत बंद करने में लगे हैं। आप बताएं कि भ्रष्टाचार और काले धन का रास्ता बंद होना चाहिये कि भारत बंद होना चाहिए।
 
खासकर कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ और सिर्फ गरीब के लिए यह फैसला लिया है। जो 70 साल में लूटा है उसे निकालकर गरीब का घर बनाना है, किसान के खेत में पानी पहुंचाना है, गरीब की झोपड़ी में बिजली का तार पहुंचाना है, गरीब बच्चों की पढ़ाई करानी है, गरीब बुजुर्गो को दवा दिलानी है। यह जो भी (काला धन) निकलेगा, वह सारा गरीबों की भलाई के लिये काम आने वाला है। अब हम देश को लुटने नहीं देंगे।
 
मोदी ने कहा कि जिस देश में सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो वहां कालाधन का रहना सम्भव नहीं है। देश अच्छे भविष्य की ओर जाने के लिये तैयार है। मैं इस ईमानदारी के महायज्ञ में देशवासियों को कष्ट झेलने के बावजूद आहुति देते हुए देख रहा हूं। आने वाले समय में देश यह स्वीकार करेगा कि फैसला कठोर था लेकिन भविष्य उज्ज्वल है।
 
प्रधानमंत्री ने पढ़े-लिखे देशवासियों और भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपने पास-पड़ोस के दुकानदारों और छोटे कारोबारियों को अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके अपना कारोबार बढ़ाने और आम लोगों को भी मोबाइल फोन के जरिये खरीदारी करना सिखाएं। सारी दुनिया बिना नकदी के सारा कारोबार चलाने की दिशा में चल पड़ी है। हम पीछे रह गए हैं, अब हिन्दुस्तान पीछे नहीं रह सकता।
 
उन्होंने जनता से मदद की अपील करते हुए कहा कि तकनीक इतनी सरल हो गयी है कि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन से फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर डाल लेता है। मेरा पढ़े लिखे लोगों से आग्रह है कि वे पड़ोसियों को सिखाएं कि मोबाइल फोन से कैसे लेन-देन और कारोबार करें। यह व्हाट्सएप करने या मोबाइल रीचार्ज कराने जितना ही आसान है। ऐसा करके आप तमाम (नकारात्मक) चर्चाओं को रोक देंगे।
 
पूर्वाचल की ठेठ बोली में अपना भाषण शुरू करने वाले मोदी ने ‘कैशलेस’ लेन-देन को प्रचलित करने का आहवान करते हुए कहा कि आपका मोबाइल फोन आपके बैंक की शाखा बन गया है। अब बटुए की जरूरत नहीं है।
 
उन्होंने चीनी मीडिया की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि मैं जनता को नमन करता हूं, उसकी ताकत देखिये। चीन के एक अखबार ने लिखा है कि लोकतंत्र में कोई ऐसा निर्णय (नोटबंदी) लेने की ताकत नहीं रखता। लेकिन जनता के आशीर्वाद के कारण मुझे ऐसा कठोर फैसला करने का साहस हुआ है।
 
भगवान बुद्ध की धरती पर दिए गए भाषण में मोदी ने कहा कि काले धन जैसी बीमारी को दूर करने के लिये जब दवाई देते हैं तो थोड़ी तकलीफ होती है। मैंने 50 दिन मांगे थे, अभी तो 20 दिन ही हुए हैं। भगवान बुद्ध की धरती से देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं। इन्हीं महापुरुष ने संयम का पाठ सिखाया। (भाषा) 
 


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