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'तीन बार तलाक' पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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, शुक्रवार, 26 अगस्त 2016 (18:03 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय में 'तीन बार तलाक' प्रथा की संवैधानिक वैधता पर केंद्र सरकार और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) को शुक्रवार को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा है।
 
तीन बार तलाक और मुस्लिम पर्सनल लॉ पर देश में चल रही बहस के बीच आज एक और याचिका न्यायालय में सुनवाई के लिए दाखिल की गई। इशरत जहां नामक महिला ने अर्जी लगाई है कि उसके पति ने 2015 में दुबई से फोन पर ही उसे तलाक दे दिया।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र सरकार और एआईएमपीएलबी को नोटिस जारी करके इस संबंध में पहले से लंबित याचिकाओं के साथ सम्बद्ध कर दिया।
 
याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसके पति ने उसे दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया और चारों संतानों को जबरन छीन लिया। इसके बाद उसके पति ने दूसरी शादी भी कर ली। फिलहाल वह अपने ससुराल में ही रह रही है, जहां उसकी जान को खतरा है।
 
याचिका में उसकी संतानों को वापस दिलाने और उसे सुरक्षा दिलाने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में इशरत ने अदालत से मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लिकेशन एक्ट, 1937 की धारा-दो को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है।
 
याचिकाकर्ता ने दहेज की रकम भी वापस दिलाने का अदालत से अनुरोध किया है। खंडपीठ ने कहा कि संतानों को वापस दिलाने के मामले में राहत के लिए याचिकाकर्ता को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगानी चाहिए।  
 
नैनीताल की शायरा बानो, जयपुर की आफरीन, नूरजहां नियाज तथा फरहा फैज नामक मुस्लिम महिलाओं की याचिकाएं न्यायालय में सुनवाई के लिए लंबित हैं, जिस पर पहले ही एआईएमपीएलबी को नोटिस जारी किया जा चुका है। बोर्ड ने कहा है कि न्यायालय को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। न्यायालय ने केंद्र से भी जवाब दाखिल करने को कहा है।
 
दरअसल, न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने एक अन्य मामले में दिए फैसले में कहा था कि मुसलमानों में तीन बार तलाक जैसे कई मुद्दे हैं, जिनसे महिलाओं के साथ अन्याय होता है, इसलिए मुख्य न्यायाधीश इस मामले को जनहित याचिका में तब्दील करके तथा एक विशेष पीठ बनाकर इसमें दखल दें। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश की ही अध्यक्षता वाली तीन न्यायालय की एक विशेष पीठ इन मामलों की सुनवाई कर रही है। (वार्ता)

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