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'मोदी-मान' मामले में सुमित्रा ने दिया पुनर्विचार का आश्‍वासन

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नई दिल्ली , गुरुवार, 23 अप्रैल 2015 (17:19 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के बारे में आप सदस्य भगवंत मान की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने के लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के निर्णय पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कड़ा प्रतिवाद किया जिस पर उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया।
दिल्ली में बुधवार को आप की एक रैली के दौरान एक किसान की आत्महत्या के विषय पर आज लोकसभा में अपनी बात रखते हुए आप के भगवंत मान ने मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का जिक्र किया।
 
इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हर मामले में प्रधानमंत्री को लाया जा रहा है और मैंने कल भी यह बात कही थी। हर समय इस तरह की बात करना ठीक नहीं है और कहीं की बात कहीं पहुंचा देते हैं। इसे कार्यवाही से निकाला जाए।
 
उनकी व्यवस्था का कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कड़ा विरोध किया। खड़गे ने कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र है और किस नियम के तहत इस टिप्पणी को कार्यवाही से निकाला गया है। क्या यह असंसदीय है? यह टिप्पणी नियम के खिलाफ भी नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि सदन में आप ही सर्वोच्च हैं, हम सब आपको सर्वोच्च मानते हैं। सदन में प्रधानमंत्री भी आपके मातहत हैं।
 
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलने का अधिकार है क्योंकि वह सरकार चला रहे हैं और सदन के नेता हैं। क्या प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ नहीं करते हैं? सोनिया गांधी को अपनी पार्टी के सदस्यों से इस विषय को उठाने का संकेत देते देखा गया। केसी वेणुगोपाल, दीपेन्द्र हुड्डा, सौगत राय आदि ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाया साथ ही आप सदस्यों ने भी इसका प्रतिरोध किया।
 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह इस विषय को देखेंगीं और फिर से विचार करेंगीं। (भाषा) 

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