नई दिल्ली। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर देश के नाम अपने संबोधन में नोटबंदी से परेशान लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने में असफल रहने के लिए शनिवार को हमला बोला वहीं भाजपा ने कमजोर वर्गों के लिए श्रृंखलाबद्ध कल्याणकारी कदम घोषित करने के लिए उनकी प्रशंसा की।
कांग्रेस ने मोदी को उनके फीके संबोधन के लिए आड़े हाथ लिया और उन्हें झूठे वादों का सौदागर बताया। कांग्रेस ने इस बात पर हैरानी जताई कि उन्होंने यह क्यों नहीं उल्लेख किया कि सरकार ने नोटबंदी के जरिए गत 50 दिनों में कितने लाख करोड़ रुपए का कालाधन और जाली नोट समाप्त करने में सफलता पाई?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों के कष्टों के प्रति कोई भी संवेदनशीलता दिखाने में पूरी तरह से असफल रहे, क्योंकि व्यापक उम्मीदों के बावजूद वित्तीय पाबंदियों से कोई राहत की घोषणा नहीं की गई।
वामदलों ने मोदी पर नोटबंदी से गरीबों और किसानों को उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने में असफल रहने के लिए हमला किया और उन पर उत्तरप्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बजट भाषण देने का आरोप लगाया।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि करीब 45 मिनट के भाषण के दौरान अधिकतर समय वे एक प्रचारक की तरह बोले तथा यह एक बजट भाषण की तरह था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यद्यपि कल्याणकारी उपायों के लिए मोदी की प्रशंसा की और उन्हें देश के कमजोर वर्गों के लिए रास्ते खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के पश्चात बैंकों में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद रिकॉर्ड पैसे उपलब्ध होने पर गरीबों, किसानों और देश के युवाओं के लिए रास्ते खोल दिए। देश के कमजोर वर्गों के लिए यह एक बड़ा कदम है। (भाषा)