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प्रधानमंत्री ने ईद पर देश को बधाई दी, कहा- विविधता ही भारत की ताकत

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, रविवार, 25 जून 2017 (16:23 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को सभी को ईद-उल-फितर की बधाई दी और कहा कि ऐसे पवित्र पर्व से खुशियां फैलाने और राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विविधता ही उसकी विशेषता और ताकत है।

मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि रमजान माह को बेहद भक्तिभाव से मनाया गया। अब यह ईद का समय है। ईद-उल-फितर के मौके पर सभी को मेरी शुभकामनाएं। रमजान माह के रोजे खत्म होने पर ईद-उल-फितर सोमवार को मनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि रमजान पवित्र दान का महीना है, खुशियां फैलाने का मौका है... आइए, हम सभी साथ मिलकर इस पवित्र त्योहार से खुशियों का खजाना फैलाने और राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रेरणा लें।

विविधता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का भी जिक्र किया, जो देश के साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में पूरे भक्तिभाव और धार्मिक उत्साह के साथ निकाली जा रही है।

अपने 30 मिनट के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों को जगन्नाथ यात्रा के मौके पर बधाई देता हूं। देश के गरीब लोग भगवान जगन्नाथ से जुड़े हैं। जिन लोगों ने बाबा साहेब अंबेडकर को पढ़ा है उन्होंने देखा होगा कि वे भगवान जगन्नाथ मंदिर और उसकी परंपराओं की प्रशंसा करते थे, क्योंकि इसमें सामाजिक न्याय और सामाजिक सौहार्द जुड़ा था। इस संदर्भ में उन्होंने शब्द 'जगरनॉट' का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब ऐसा रथ है जिसे किसी के द्वारा रोका नहीं जा सके।

रमजान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के मुस्लिम बहुल मुबारकपुर गांव के लोगों के प्रेरणाप्रद रवैए का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान करीब 3,500 परिवारों की आबादी वाले इस गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से शौचालय के निर्माण का फैसला किया।

मोदी ने कहा कि इस प्रयास में मदद के लिए सरकार ने 17 लाख रुपए दिए, लेकिन आप यह जानकर खुश होंगे कि रमजान के मौके पर सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों ने 17 लाख रुपए की यह रकम सरकार को लौटाते हुए कहा कि वे अपने शौचालयों का निर्माण अपने रुपयों और श्रम से करेंगे। ग्रामीणों ने सरकार को बताया कि वे इस रकम का इस्तेमाल गांव में दूसरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए करें।

मुबारकपुर के ग्रामीणों को इसके लिए बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि उनका रुख जहां प्रेरणादायी था वहीं बड़ा तत्व यह कि गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाया गया। 3 राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल पहले ही खुले में शौच से मुक्त हो चुके थे और हाल ही में उत्तराखंड और हरियाणा भी इस सूची में शामिल हो गए हैं। मैं इन 5 राज्यों की सरकारों और जनता को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए बधाई देता हूं।

'स्वच्छ भारत' अभियान को बढ़ावा देने में जुटे प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को पूरा करने के लिए सतत और दीर्घकालिक प्रयासों की जरूरत है। ऐसी बुरी आदतें (खुले में शौच की) हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं। इन (बुरी आदतों) से छुटकारा पाने के लिए हमें दृढ़ रहना होगा। हमें हर किसी का ध्यान खींचना होगा। सकारात्मक और प्रेरक कहानियों को बार-बार बताना होगा।

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि स्वच्छता अब सिर्फ सरकार का कार्यक्रम नहीं है बल्कि जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि इसने सरकार के संकल्प को मजबूत किया है। (भाषा)

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